दुनियाभर में हार्ट की बीमारियां तेजी से अपना दायरा बढ़ा रही हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बीते एक दशक में हार्ट डिजीज से सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई है. इनमें हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट मौतों का सबसे बड़ा कारण है. हार्ट अटैक होने की एक बड़ी वजह बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल है. शरीर में अगर बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई हो जाता है तो इससे हार्ट की आर्टरीज ब्लॉक हो जाती है और दिल का दौरा पड़ जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर में इजाफा होने का एक बड़ा कारण खराब खानपान और बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल है.
दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में प्रोफेसर डॉ. तरुण कुमार ने TV9 से बातचीत में इस बारे में डिटेल में बताया है. डॉ तरुण बताते हैं कि फास्ट फूड का सेवन कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का एक बड़ा कारण है. फास्ट फूड को बनाने में रिफाइंड और खराब तेल का यूज किया जाता है. जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ाता है. इसके अलावा स्मोकिंग, शराब का सेवन, खराब लाइफस्टाइल, बढ़ता मोटापा और एक्सरसाइज न करना भी शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है. कुछ मामलों में जेनेटिक कारणों से भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है. डायबिटीज और थाइराइड जैसी बीमारियां भी इसके रिस्क फैक्टर हैं.
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से आता है हार्ट अटैक
बीते कुछ सालों से लोगों का लाइफस्टाइल काफी खराब हुआ है. इस वजह से कोलेस्ट्रॉल बढ़ रहा है जो हार्ट अटैक का भी कारण बनता है. बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हार्ट की आर्टरीज में लिपिड का लेवल बढने लगता है. इससे आर्टरीज ब्लॉक हो जाती है. ऐसे में हार्ट को ब्लड पंप करने में परेशानी आती है और हार्ट अटैक आ जाता है. चिंता की बात यह है कि अब कम उम्र में भी लोगों को दिल का दौरा पड़ रहा है. कोविड महामारी के बाद हार्ट अटैक के मामलों में इजाफा हुआ है.
दो तरह का होता है कोलेस्ट्रॉल
डॉ. तरुण बताते हैं कि कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है एक होता है . एक है अच्छा कोलेस्ट्रॉल एचडीएल कहते हैं और दूसरा होता है एलडीएल इसको बैड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है. एलडीएल का लेवल शरीर में जितना बढ़ेगा हार्ट अटैक का रिस्क भी उतना ही अधिक रहेगा. ब्लड में बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने से पेरिफेरल हार्ट डिजीज और कोरोनरी हार्ट डिजीज हो जाती हैं. कोलेस्ट्रॉल हार्ट के अलावा ब्रेन में भी हो सकता है इससे ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है.
कैसे करें कोलेस्ट्रॉल की पहचान
कोलेस्ट्रॉल की पहचान के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराया जाता है. अगर टेस्ट में बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ा हुआ आया है तो डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज कराना चाहिए. इस मामले में लापरवाही न करें.
बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में कैसे रखें
- जंक फूड को डाइट में शामिल न करें
- शराब का सेवन न करें
- रोज फलों को जरूर खाएं
- एक्सरसाइज करें
- लाइफस्टाइल को ठीक रखें
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण
- आंखों की पलकों पर पीले रंग का उभार
- पैरों का सुन्न होना
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