धमतरी, 21 अगस्त । भगवान शिव की इस नन्हीं भक्त के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं है, वह अपने पैरों से ही पूजा करती है, शिवलिंग का अभिषेक करती है। ये कहानी है 13 वर्षीय वर्षा ध्रुव की। बिना हाथ वाली इस नन्हीं भक्त का समर्पण और उसका विश्वास देखकर अच्छे-अच्छे भक्त ठिठक कर रह जाते हैं।
नगरी ब्लाक की ग्राम सलोनी निवासी वर्षा एक्जेक्ट फाउंडेशन रूद्री में कक्षा नौवीं की छात्रा हैं। इसी वर्ष जुलाई में वह गांव से यहां पढ़ने आई है। जन्म से वर्षा के दोनों हाथ नहीं हैं। प्रतिदिन वह सुबह पेड़ के नीचे स्थित भगवान शिव की पूजा करती है। पूजा की थाली सजाने में छात्राएं उसका सहयोग करती है। पैर से ही शिवलिंग पर जल अर्पित करती है और बेलपत्र चढ़ाती है। पैर से दीया जलाती है। शिवलिंग को पैर से छूकर प्रणाम करती हैं। प्रत्येक सोमवार को वह उपवास रखती है।
उसे पैर से पूजा के सारे विधान पूरे करते देख और पैर से शिव को प्रणाम करते देख लोग आश्चर्य में पड़ जाते हैं। वर्षा ने कहा कि बड़ी होकर वह प्रशासनिक अधिकारी बनकर देश और समाज के लिए कार्य करना चाहती है। एक्जेक्ट फाउंडेशन की शिक्षिका लक्ष्मी सोनी ने बताया कि वर्षा के अंदर गजब का उत्साह है। उसने दो महीनों में ही यहां अपनी विशेष पहचान बना ली है। गांव में वह कक्षा आठवीं तक सरकारी स्कूल में पढ़ी है।
सुंदर लिखावट, पैर से ही हर कार्य
वर्षा के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं है, तो उसने पैर को ही हाथ बना लिया है। सालों से पैरों का उपयोग हाथ की तरह कर रही है। पैर से पेन पकड़कर सुंदर लिखावट में लिख लेती है। सिर पर पुस्तक कापी रखकर ले जाती है। पैर से पकड़कर पुस्तक-कापी को गले में फंसाकर ले जाती है। कंघी करना, चम्मच से खाना खाना और दिनचर्या के बहुत से कार्य वह पैर से कर लेती है। वह कहती हैं, हाथ नहीं होने से परेशानी तो होती है, लेकिन अपने पैरों से हाथ की तरह काम लेकर इस परेशानी से काफी हद तक उसने निजात पा ली है।
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