नई दिल्ली,19 मई 2025: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वोडाफोन, एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज की समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया माफी की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने इन याचिकाओं को “गलत धारणा” पर आधारित बताया। वोडाफोन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से पीठ ने कहा, “हम इन याचिकाओं से स्तब्ध हैं। एक बहुराष्ट्रीय कंपनी से ऐसी उम्मीद नहीं थी। हम इन्हें खारिज करेंगे।”
कोर्ट ने सरकार की दूरसंचार कंपनियों को राहत देने की मंशा में हस्तक्षेप से इनकार किया। वोडाफोन ने ब्याज, जुर्माने और दंड पर ब्याज के रूप में लगभग 30,000 करोड़ रुपये की छूट मांगी थी। रोहतगी ने तर्क दिया कि दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा के लिए कंपनी का बने रहना जरूरी है। उन्होंने बताया कि बकाया ब्याज के इक्विटी में रूपांतरण के बाद केंद्र के पास कंपनी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
वोडाफोन की याचिका में कहा गया कि वह कोर्ट के फैसले की समीक्षा नहीं, बल्कि ब्याज, जुर्माना और उस पर ब्याज की कठोरता से राहत चाहती है। कंपनी ने केंद्र से “सार्वजनिक हित” में एजीआर बकाया पर ब्याज और जुर्माने पर जोर न देने का अनुरोध किया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कंपनियों को कोई राहत नहीं दी।