फालुन दाफा एसोसिएशन ऑफ इंडिया 20 से 23 जुलाई, 2023 तक जहांगीर आर्ट गैलरी, मुंबई में “सत्य, करुणा, सहनशीलता अंतर्राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी” का आयोजन कर रहा है। इस कला प्रदर्शनी ने दुनिया भर के 50 देशों के 900 से अधिक शहरों का दौरा किया है।
एक असाधारण रूप से मार्मिक, अंतरंग और प्रेरक कला प्रदर्शनी जिसमें एक आंतरिक आध्यात्मिक जीवन और एक बाहरी मानवाधिकार त्रासदी दोनों का चित्रण किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित कलाकारों की कलाकृतियाँ आंतरिक सुंदरता, शक्ति और आश्चर्य की दुनिया का दृश्य प्रस्तुत करती हैं जो शांतिपूर्ण ध्यान अभ्यास फालुन दाफा से प्रेरित हैं। कलाकृतियों से चीनी शासन द्वारा फालुन दाफा अभ्यासियों पर किये जा रहे क्रूर दमन का भी पता चलता है।
फालुन दाफा (जिसे फालुन गोंग भी कहा जाता है) मन और शरीर का एक प्राचीन साधना अभ्यास है। इसे पहली बार चीन में मई 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा आरम्भ किया गया था। आज, 100 से अधिक देशों में 10 करोड़ से अधिक लोग फालुन दाफा का अभ्यास कर रहे हैं। कलाकृतियों में फालुन दाफा अभ्यासी अन्याय का सामना ज़ेन (सत्य) शान (करुणा) रेन (सहनशीलता) के विश्वक मूल्यों को कायम रखते हुए साहस के साथ अपनी आंतरिक शक्ति का प्रदर्शन करते दिखाए गए हैं।
प्रदर्शनी में चार भाग हैं:
भाग 1: आत्म-साधना का सौंदर्य
भाग 2: समझौता न करने वाला साहस
भाग 3: न्याय की पुकार
भाग 4: न्याय की जीत
इनमें से अधिकांश कलाकृतियाँ यूरोपीय रेनसान्स शैली की पेंटिंग हैं। अनुपात उत्तम हैं, डिज़ाइन सुरुचिपूर्ण हैं, रंग जीवंत हैं, और छाया और प्रकाश का उपयोग एक ऐसी जगह बनाता है जहाँ किसी भी पृष्ठभूमि के दर्शक प्रवेश कर सकते हैं और जुड़ सकते हैं। ये तकनीकें न केवल पश्चिमी सभ्यता बल्कि संपूर्ण मानव सभ्यता के शिखर पर हैं। वे पूर्व की प्राचीन लोक विरासत को, उसकी रहस्यमय और मनमोहक प्रकृति के साथ, उन बेहतरीन कलाओं से जोड़ती हैं। यह कला अपने आप में बेजोड़ है!
प्रदर्शनी में प्रवेश निःशुल्क है। सभी मुंबईवासी “सत्य, करुणा, सहनशीलता अंतर्राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी” में आशा और साहस का संदेश देखने के लिए आमंत्रित हैं।
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