Vedant Samachar

स्वास्थ्य के लिए संकल्पबद्ध आनंदम में आयोजित हुआ आयुर्वेदिक हेल्थ कैंप

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  • शुभ दीप आयुर्वेदिक कॉलेज की टीम ने दी जाँच और परामर्श सेवाएँ

इंदौर, 16 मई, 2025: उम्र के बढ़ते पड़ाव में सेहत से समझौता नहीं किया जा सकता, और जब बात हो वरिष्ठ नागरिकों की, तो यह जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए, शुभ दीप आयुर्वेदिक कॉलेज की टीम द्वारा आनंदम सीनियर सिटीज़न सेंटर में एक विशेष आयुर्वेदिक हेल्थ कैंप का आयोजन किया गया। यह आयोजन न सिर्फ सेहत के लिए उपयोगी साबित हुआ, बल्कि स्वास्थ्य के प्रति सदस्यों की जागरूकता और भरोसे को भी नई दिशा दी।

डॉक्टर अखिलेश श्रीवास्तव के नेतृत्व में आयोजित इस कैंप में आनंदम सीनियर सिटीज़न सेंटर के कुल 33 सदस्यों ने स्वास्थ्य जाँच का लाभ लिया। पंजीकरण से लेकर बी.पी. मापन, बीएमडी टेस्ट और आयुर्वेदिक परामर्श तक की पूरी प्रक्रिया में सहभागिता, संवेदनशीलता और सेवा का भाव स्पष्ट रूप से झलकता रहा।

आनंदम के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने कहा, “हम मानते हैं कि बुजुर्गों की सेहत की जिम्मेदारी सिर्फ दवाओं से नहीं, बल्कि सच्चे सेवा भाव और सतत देखभाल से पूरी होती है। यह आयुर्वेदिक हेल्थ कैंप इसी सोच का विस्तार है। हम चाहते हैं कि हमारे सदस्य स्वस्थ रहें, आत्मनिर्भर बनें और हर दिन ऊर्जा से भरपूर महसूस करें।”

सचिव एस. बी. खंडेलवाल ने कहा, “हमारे लिए आनंदम सिर्फ एक स्थान नहीं, बल्कि एक परिवार है। और बात जब परिवार के सदस्यों की सेहत की हो, तो हम पीछे नहीं रहते। हमें खुशी है कि शुभ दीप आयुर्वेदिक कॉलेज की टीम ने इस पहल को सफल और गरिमामय बनाया।”

कैंप की सफलता और सदस्यों से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए, एक नई पहल के रूप में यह प्रस्ताव सामने आया कि आनंदम में प्रत्येक माह एक नियमित आयुर्वेदिक ओपीडी आयोजित की जाए। ऐसे में, निश्चित ही यह पहल वरिष्ठ नागरिकों को सतत स्वास्थ्य सेवा और परामर्श उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

आनंदम परिवार की ओर से डॉ. अखिलेश श्रीवास्तव, डॉ. मोनिका, डॉ. प्रियंका और उनकी टीम के चार इंटर्न्स का विशेष धन्यवाद् किया गया, जिनकी मेहनत, अनुशासन और संवेदनशील दृष्टिकोण ने इस स्वास्थ्य शिविर को न सिर्फ सफल, बल्कि यादगार भी बना दिया। कुल मिलाकर, आनंदम का यह प्रयास सिर्फ एक हेल्थ कैंप के आयोजन तक ही सीमित नहीं था, बल्कि यह एक ऐसा मंच बना जहाँ बुजुर्गों को न केवल विशेषज्ञों से परामर्श मिला, बल्कि उन्होंने खुद को बेहतर स्वास्थ्य के लिए सजग भी किया।

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