नई दिल्ली,15 मई 2025। भारत अब 6G तकनीक के क्षेत्र में भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। हाल ही में आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय दूरसंचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने बताया कि देश ने अब तक 111 से अधिक 6G रिसर्च प्रोजेक्ट्स को स्वीकृति दी है। इन योजनाओं के लिए सरकार ने कुल 300 करोड़ रुपए का फंड जारी किया है।
मंत्री के अनुसार, भारत अब 6G पेटेंट फाइलिंग में दुनिया के शीर्ष छह देशों में शामिल हो चुका है। 5G से 100 गुना तेज होगी 6G टेक्नोलॉजी 6G तकनीक टेराहर्ट्ज़ (TeraHertz) फ्रीक्वेंसी बैंड्स पर काम करेगी, जो डेटा स्पीड को 1 टेराबिट प्रति सेकेंड तक ले जा सकती है। यह 5G से लगभग 100 गुना तेज़ मानी जा रही है। इसके चलते इंटरनेट की स्पीड, कनेक्टिविटी और डेटा ट्रांसफर में एक क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेगा।
मंत्री पेम्मासानी ने भरोसा जताया कि भारत के पास कुशल इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की विशाल टीम है, जो देश को इस तकनीक में विश्व का अग्रणी बना सकती है। उन्होंने कहा, “भारत के पास रिसर्च और इनोवेशन के लिए पर्याप्त समय और संसाधन हैं, जो तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे। अनुमान है कि 2035 तक 6G भारत की अर्थव्यवस्था में 1 ट्रिलियन डॉलर का योगदान कर सकता है।