पड़ोसन का नहाते हुए बनाया वीडियो, आरोपी को दो साल की सजा

रायगढ़ ,18 जून ।  रिहायशी चाल में एक साथ रहने के दौरान पड़ोसी नाबालिग लड़की का नहाते हुए वीडियो बनाने और वायरल करने के नाम पर धमकाने के मामले में फास्ट ट्रेक कोर्ट की विशेष अदालत ने आज आरोपी को विभिन्न धाराओं में दो वर्ष के कारावास और दस हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है।

अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि पीड़िता की मां द्वारा चौकी जूटमिल रायगढ में इस आशय की लिखित शिकायत की गयी कि वह अपने पति एवं बच्चों के साथ मकान में किराये पर रहती है, उसका पति ड्राईवरी का कार्य करता है उक्त मकान में 10-11 परिवार किराये में रहते हैं। शाहीद अंसारी भी उसी मकान में अपने परिवार के साथ किराये से रहता है। 21 मार्च 2022 को सुबह 8.00 बजे उसकी पुत्री पीडिता उम्र 12 साल जिसकी जन्मतिथि 06 सितंबर 2009 है बाथरूम में नहा रही थी। बाथरूम ऊपर से खुला है, उसी समय शाहीद अंसारी पीडिता का नहाते हुए विडियो बना रहा था, जिसको देखकर पीडिता चिल्ला-चिल्ला कर रो रही थी, तब वह दौड़ते हुए गई और किरायेदार लोग भी आ गये थे। तब शाहीद अंसारी बाथरूम में जा कर छिप गया था। शाहीद अंसारी द्वारा पीडिता को कम उम्र की नाबालिग होना जानते हुए जानबूझ कर छेड़छाड़, बेईजती करने के नियत से बाथरूम में नहाते समय अपने मोबाईल फोन से विडियो बनाया है।

पीड़िता की मां की लिखित शिकायत के आधार पर चौकी जूटमिल में धारा 354, 354-1, 509 भारतीय दंड संहिता एवं धारा 12, 15 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं धारा 67 सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम का एफआईआर दर्ज करते हुए न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उसे जमानत मुचलके पर छोड़ा गया था। उक्त मामला उपार्पण पश्चात फास्ट टेज्क स्पेशल कोर्ट में विचाराधीन था।

दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात विद्वान न्यायाधीश श्रीमती प्रतिभा वर्मा की अदालत में आज आरोपी शाहीद उर्फ गुड्ड अंसारी को धारा 354 ग, 509 तथा धारा 67 ख का दोषी करार देते हुए दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास तथा क्रमशः दो हजार, एक हजार व पांच हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है। सजा में अर्थदण्ड न पटाने पर उपरोक्त धाराओं में दो-दो माह के अतिरिक्त कारावास भुगतान की व्यवस्था दी गई है। वहीं धारा 15 में आरोपी को पांच हजार रुपए के अर्थदण्ड सहित अर्थदण्ड न पटाने पर चार माह अतिरिक्त कारावास भुगतान की व्यवस्था की गई है। विद्वान न्यायाधीश ने आरोपी के उपर लगे एक अन्य धारा 354 में उसे दोष मुक्त करार दिया है। उपरोक्त सभी धाराएं एक साथ चलेंगी। इस मामले में विशेष लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।

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