बेमेतरा 23 फ़रवरी 2025 । जिले में आयोजित त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के दौरान लोकतंत्र की एक अनोखी और प्रेरणादायक तस्वीर उस समय देखने को मिली जब ग्राम गहिरा नवागांव के 90 वर्षीय बुजुर्ग, श्री जगनू सतनामी, ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इतनी उन्नत उम्र के बावजूद, जगनू सतनामी ने मतदान केंद्र तक पहुंचकर न केवल अपने वोट का उपयोग किया, बल्कि युवा और बुजुर्गों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश छोड़ा।
मतदान का उत्साह: उम्र नहीं बनी बाधा
ग्राम गहिरा नवागांव निवासी जगनू सतनामी ने दिखा दिया कि लोकतंत्र में भाग लेना न केवल अधिकार है, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य भी है। वे 90 वर्ष की उम्र में भी पूरे जोश और ऊर्जा के साथ अपने परिवार के सहयोग से मतदान केंद्र पहुंचे। उनके मतदान केंद्र पर पहुंचते ही लोग आश्चर्यचकित हो गए और उनका स्वागत किया। अधिकारियों ने उन्हें प्राथमिकता से मतदान करने का अवसर दिया, और अन्य मतदाताओं ने उनकी लोकतांत्रिक भावना की सराहना की।
लोकतंत्र में विश्वास की अद्भुत मिसाल
जगनू सतनामी ने न केवल अपने गांव में बल्कि पूरे क्षेत्र में लोकतंत्र के प्रति आस्था और जिम्मेदारी की मिसाल कायम की। उन्होंने साबित कर दिया कि उम्र कभी भी नागरिक कर्तव्यों को निभाने में बाधा नहीं बन सकती। उनका यह कदम युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गया है, जिन्होंने अपने परिवार और ग्रामवासियों को यह संदेश दिया कि लोकतंत्र में हर एक वोट की अहमियत होती है।
परिवार और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
जगनू सतनामी के परिवार के सदस्यों ने बताया कि वे हमेशा से ही हर चुनाव में मतदान करते आए हैं। उनके परिवार और ग्रामीणों के लिए यह गर्व का क्षण था जब वे इस उम्र में भी अपने दायित्व को निभाने के लिए मतदान करने पहुंचे। उनके परिवार ने कहा, “वह लोकतंत्र में गहरी आस्था रखते हैं, और उनके जीवन का यह महत्वपूर्ण हिस्सा है।”
प्रशासन और चुनाव अधिकारियों की सराहना
चुनाव अधिकारियों ने जगनू सतनामी के इस साहसिक कदम की प्रशंसा की और उन्हें एक आदर्श मतदाता के रूप में देखा। अधिकारियों ने कहा, “यह देखकर खुशी होती है कि लोग इतनी उम्र में भी लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आगे आ रहे हैं। यह गांव और पूरे क्षेत्र के लिए एक प्रेरणादायक क्षण है।”
इस प्रकार, 90 वर्षीय जगनू सतनामी ने त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव 2025 में अपने वोट का प्रयोग कर यह साबित कर दिया कि लोकतंत्र की नींव हर व्यक्ति के योगदान से मजबूत होती है, और यह कर्तव्य जीवन भर निभाया जा सकता है।