शायद ही ऐसा कोई घर है जिसमें लोग बाल झड़ने की समस्या से परेशान न हो, खासतौर पर शहरी इलाकों में ये एक बड़ी परेशानी बन गई है. बाल झड़ रहे हैं तो इनको रोकने के लिए लोग कई तरह की महंगी क्रीमों से लेकर तेल यूज कर रहे हैं. बाजार ऐसे चीजों से भरा हुआ है तो झड़ रहे बालों को फिर से उगाने का दावा करती हैं. अलग- अलग कंपनियों अपने हेयर ऑयल लेकर कई प्रोडक्ट्स बेच रही हैं और इनका बाजार भी अरबों रूपये का है.लेकिन क्या वाकई तेल या क्रीम लगाने से झड़ रहे बाल रुक जाते हैं और क्या इनसे गंजेपन का भी इलाज हो सकता है? इस बारे में एक्सपर्ट्स से जानेंगे.
दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में डर्मेटोलॉजी विभाग में एचओडी प्रोफेसर डॉ. कबीर सरदाना बताते हैं मेडिकल साइंस में इस बात का कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं है कि बाजार में मौजूद हेयर ऑयल या क्रीमें लगाने से बाल झड़ने की समस्या कंट्रोल हो जाती है. अगर किसी को जेनेटिक कारणों से बाल झड़ने की समस्या है तो उसको काबू करना बहुत मुश्किल है. एक बार गंजापन शुरू हुआ तो उसकी रफ्तार भले ही कम हो सकती है, लेकिन उसको पूरे तरीके से रोका नहीं जा सकता है.
डॉ कबीर कहते हैं कि जैसे जैसे उम्र बढ़ती है तो बाल कमजोर होते हैं. खराब खानपान, बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल और मानसिक तनाव इस समस्या को और भी बढ़ा देता है. यही कारण भी है कि अब कम उम्र में लोगों के बाल झड़ने शुरू हो गए हैं. इनको रोकने के लिए लोग कई तरह की क्रीमें और अन्य प्रोडक्ट लगाते हैं, लेकिन इनसे बाल झड़ना रुक जाएं ऐसा कोई प्रमाण या रिसर्च मौजूद नहीं है.
बाल झड़ने से बचाने के लिए सिर्फ दो ड्रग को एफडीए की है अनुमति
डॉ कबीर बताते हैं कियूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने बाल झड़ने की समस्या या गंजेपन को कंट्रोल करने के लिए 2 ड्रग को ही आजतक पास किया है. इनमें फाइनास्टराइड और मिनोक्सिडिल ड्रग हैं जो बाल झड़ने को कंट्रोल कर सकते है. अगर किसी दवा या तेल में ये चीजें हैं तो ये बाल झड़ने को रोक सकता है. इनपर सेकॉन्टिफ़िक डेटा भी है, हालांकि ये भी कोई गारंटी नहीं है कि ये ड्रग हर व्यक्ति को सूट करे. यही कारण है कि एक समय आने के बाद बड़ी से बड़ी हस्ती भी गंजेपन का शिकार हो जाती है और इसके बाद लोगों के पास हेयर विग या फिर ट्रांसप्लांट का ही विकल्प बचता है. हालांकि आजकल बाल उगाने के लिए लोअर लेवल लेजर थेरेपी भी काफी चल रही है.
गंजेपन के कितने प्रकार होते हैं?
गंजापन मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है. इनमें पहला है एंड्रोजेनिक एलोपेशिया. यह आमतौर पर कनपटी और सिर के ऊपरी हिस्से से शुरू होता है. दूसरा है एलोपेशिया एरीटा. इसमें सिर के अलग-अलग हिस्सों में बाल गिर जाते हैं, जिससे गंजेपन के पैच दिखाई देते हैं.
क्या गंजेपन को रोका जा सकता है
अगर गंजापन जेनेटिक है तो उनको रोकना मुश्किल है. लेकिन अन्य मामलों में इसको कुछ हद तक काबू किया जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि खानपान का ध्यान रखें. डाइट में विटामिन, प्रोटीन शामिल करें. हरी सब्जियां खाएं. मानसिक तनाव न लें और किसी प्रकार के नशे से दूर रहें.