आंखों के सामने हसदेव नदी में डूबा बेटा, देखते रह गए माता-पिता, 30 मिनट बाद निकाला बाहर

चांपा,10 जून । चांपा थाना क्षेत्र के कुदरी गांव में हसदेव नदी पर बने बैराज में परिवार के साथ नहाने गए 12 साल के मासूम ऋतुराज देवांगन की गहरे पानी में चला गया। जिसे 30 मिनट तक खोजने के बाद मौके पर नहा रहे युवकों ने बाहर निकाला। उपचार के लिए बीडीएम अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

चांपा थाने में पदस्थ हेड कांस्टेबल प्रकाश राठौर से मिली जानकारी अनुसार, संजय नगर चांपा के रहने वाले अनिल देवांगन और माता, छोटी बहन के साथ मृतक ऋतुराज देवांगन सुबह 7 बजे  नहाने के लिए कुदरी गांव के हसदेव नदी पर बने बैराज के पास नहाने गया हुआ था। अनिल देवांगन कोसे से कपड़े बनाने का काम करता है। वह अपने परिवार को लेकर नहाने गए थे। इस दौरान 12 साल का ऋतुराज देवांगन एक ट्यूब में बैठकर नहा रहा था। वहीं पास में ही माता पिता और छोटी बच्ची भी नहा रहे थे। 

तभी ऋतुराज का ट्यूब नहाने के दौरान पलट गया और वह हसदेव नदी के पानी में डूब गया। बेटे को डूबता देख पिता अनिल देवांगन बचाने को आए लेकिन देर हो चुकी थी। वह गहरे पानी के अंदर चला गया। पिता अनिल देवांगन ने खोजने का प्रयास किया। लेकिन बेटा नहीं मिला। वहीं पास में नहा रहे युवक को बुलाकर दोनों ने खोजा। जिसके बाद 30 मिनट बाद ऋतुराज देवांगन मिला। जिसे उपचार के लिए परिजन बीडीएम अस्पताल चांपा लाया गया,जहां डॉक्टर ने परीक्षण उपरांत मासूम बच्चे ऋतुराज देवांगन को मृत घोषित किया। जिसके बाद रो रोकर परिजनों का बुरा हाल है। 

मृतक ऋतुराज देवांगन के पिता अनिल देवांगन ने बताया कि एक उसके एक बेटा और एक छोटी बेटी थी जिनमें बेटा ऋतुराज बड़ा था वह पढ़ाए लिखाई में तेज था। अभी उसने 6वीं की कक्षा पास की थी। वह 7वीं कक्षा में पड़ने जाने वाला था। वहीं उसकी 6 साल की छोटी बच्ची है। ऋतुराज की मां का रो रोकर बुरा हाल है। जल संसाधन विभाग जांजगीर के द्वारा बैराज के पास किसी भी तरह का दुर्घटना वाली संकेतित चिन्ह भी नहीं लगा गया है। इसमें अधिकारियों का भी लापरवाही सामने आई है। यदि सांकेतिक चिन्ह लगा होता तो  मासूम बच्चे की जान बच जाती। सांकेतिक चिन्ह नही होने के कारण यह घटना हुई।

बैराज के पास नहाने के लिए लोगों की उमड़ती है भीड़
इन दिनों गर्मी का मौसम है जहा लोग पिकनिक की तरह नहाने के लिए सैकड़ों की संख्या में पहुंचते हैं। नहाने आए हुए लोग किसी तरह की सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार का ध्यान नहीं रहता है जिससे पानी में डूबने से मौतें हो रही हैं।

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