धान के अलावा अन्य फसलों को दें बढ़ावा : कलेक्टर

जांजगीर-चांपा,20 मई। कलेक्टर ने जिला पंचायत के सभाकक्ष में मछली पालन, वेटनरी, उद्यानिकी विभाग तथा कृषि विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने उपस्थित सभी संबंधित विभागों से मछली पालन, गोबर खरीदी, खाद की उपलब्धता, गोठानों में चारागाह, किसान क्रेडिट कार्ड, तालाब पट्टा, गौठानों व गौठान से लगे तालाबों में मत्स्य पालन तथा बीज एवं खाद की जानकारी लेते हुए विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने जिले के सभी गोठानों में न्यूनतम 3 एकड़ में सब्जी उत्पादन और चारागाह फलदार पौधरोपण व सब्जी उत्पादन जैसे गतिविधियां करने के निर्देश दिये। साथ ही इन गतिविधियों में महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं की प्राथमिकता तय करने कहा। उन्होंने मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना अंतर्गत विशेषकर बड़े किसानों का चिन्हांकन कर उनके जमीन में फलदार वृक्ष लगवाने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने कृषि से संबंधित सभी विभागीय योजनाओं का निर्धारित समयसीमा से पहले हितग्राहियों का चयन कर लाभान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले के बड़े किसानों के खाली पड़े जमीनों को धान की खेती के स्थान पर अन्य फसलों अथवा फलदार वृक्ष लगाने के लिए प्रोत्साहित करने कहा। उन्होंने खाद-बीज भण्डारण के स्थिति का समीक्षा करते हुए आगामी खरीफ फसल के सीजन में जिले के किसानों को किसी भी स्थिति में खाद बीज की कमी नहीं होने और किसानों को धान की फसल के अलावा मक्का, दलहन जैसे फसलों के पैदावार को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। इसके अलावा उन्होंने सभी अधिकारियों को अच्छे वेरायटी के धान की फसल लगाने और अन्य फसल लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने वेटनरी विभाग के अधिकारियों से चर्चा करते हुए जिले के सभी ब्लॉकों में गोठानवार 30 जून को पशु शिविर का आयोजन करते हुए अभियान चलाकर टीकाकरण व विभागीय योजनाओं की जानकारी देने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने कृषि विभाग से बीज भंडारण व वितरण की जानकारी ली और कार्य  में प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने अनाज, दलहन, तिलहन, केसीसी की प्रगति की जानकारी ली एवं बेहतर कार्य के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को किसानों को रोपा पद्धत्ति का विस्तार कर उत्पादकता में बढ़ावा देने कहा।  कलेक्टर नाइट्रोजन का उपयोग किसानो को सीमित व संतुलित मात्रा में करने की अपील की। उन्होंने जिले के नहरों के अपर क्षेत्रों में अरहर, मूंग का रकबा बढ़ाने और दलहन फसलों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने गोधन न्याय योजना अंतर्गत गोबर क्रय व खाद उत्पादन व विक्रय, किसानों ई-केवाईसी करने, के.सी.सी. प्रकरण तैयार करने के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने गोठानों में हरा चारा जैसे नेपियर घास के उत्पादन को बढ़ावा देने कहा। उन्होंने जिले के प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 गोठान का चारागाह के लिए चिन्हांकित करने कहा साथ ही राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले के सभी गोठनों को स्वावलंबी गोठान बनाने व गोबर खरीदी, खाद निर्माण के स्थितियों की मॉनिटरिंग करने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।

कलेक्टर ने मत्स्य पालन विभाग की समीक्षा करते हुए जिले में मछुआ सहकारी समिति व स्व-सहायता समूहों, गौठानों से लगे तालाबों में मत्स्य पालन, मनरेगा के अंतर्गत गौठान में तालाब निर्माण हेतु प्रस्तावित कार्ययोजना, किसान क्रेडित कार्ड की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। कलेक्टर ने जिन गौठानों में तालाब निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है, ऐसे गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह के साथ समन्वय स्थापित कर मछली पालन हेतु कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिले के सभी मछुआ समूहों को मछली पालन हेतु प्रोत्साहित करते हुए दक्षिण भारत के मछली पालन क्षेत्रों का भ्रमण कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने स्व सहायता समूह को भी तालाबों का पट्टा दिलाकर मछली पालन के लिए बढ़ावा देने कहा। बैठक में उप संचालक कृषि, उपसंचालक वेटनरी, कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी, केसीसी नोडल, सहायक संचालक उद्यान जिला विपणन अधिकारी एवं संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

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