मुंबई,08मई 2025 :‘कराची बेकरी’ के स्टोर पर भारतीय झंडे ‘तिरंगा’ लगाने का काम चालू हो चुका है. ये सब तब हो रहा है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. युद्ध छिड़ने के हालात बने हुए हैं. पाकिस्तान में लाहौर में बम धमाके हो रहे हैं, तो इस्लामाबाद से लेकर कराची तक हवाई अड्डे भी बंद हैं. ‘कराची बेकरी’ के अपने स्टोर पर भारतीय तिरंगा लगाने की आखिर वजह क्या है?
इसलिए लगाए स्टोर पर तिरंगा
‘कराची बेकरी’ हैदराबाद का एक फेमस कुकीज ब्रांड है. ये अपने ओस्मानिया बिस्किट के लिए देशभर में पहचाना जाता है. हैदराबाद शहर में आम लोगों के लिए ये एक चाय कैफे की तरह पॉपुलर है. भारत और पाकिस्तान के बीच जब भी टेंशन बढ़ती है ‘कराची बेकरी’ का मैनेजमेंट शहर में अपनी 20 ब्रांच पर ‘तिरंगा’ लगाने का काम शुरू कर देता है.
इसकी वजह ब्रांड के नाम में ‘कराची’ जुड़ा होना है, जो पाकिस्तान के सबसे बड़े शहरों में से एक है. भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने पर अक्सर इसके स्टोर को लोग निशाना बनाते हैं. इसलिए एहतियात के तौर पर कंपनी अपने स्टोर के बाहर ‘तिरंगा’ लगाती है. कंपनी लोगों के बीच ये संदेश भी पहुंचाती है कि वही पूरी तरह भारतीय ब्रांड है. शहर में ‘कराची बेकरी’ के करीब 20 स्टोर हैं.
डेक्कन क्रोनिकल के मुताबिक ‘कराची बेकरी’ के मैनेजमेंट का कहना कि उन्हें उच्च अधिकारियों की ओर से सावधान रहने के लिए कहा गया है. वहीं स्थानीय पुलिस ने भी कराची बेकरी के स्टोर के इर्द-गिर्द अपने स्टाफ की तैनाती भी शुरू कर दी है, ताकि हालात पर नियंत्रण रखा जा सके.
पहलगाम आतंकी हमले पर जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया. इसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया गया है. ऐसे में भारत और पाकिस्तान के बीच इस समय युद्ध छिड़ने जैसे हालात बने हुए हैं.
20 देशों में फैला है कारोबार
‘कराची बेकरी’ सबसे ज्यादा अपने ‘ओस्मानिया बिस्किट’ के लिए फेमस है. कंपनी 20 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट करती है. इनमें अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. कंपनी हर दिन 10 टन से ज्यादा बिस्किट का प्रोडक्शन करती है. वहीं हैदराबाद में उसके हर स्टोर पर डेली का औसत फुटफॉल 2000 तक है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ‘कराची बेकरी’ का सालाना रेवेन्यू 100 करोड़ रुपये से ऊपर है. ये 1,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार देने वाली कंपनी है.
हिंदू मालिक की कंपनी से ऐसे जुड़ा कराची का नाम
‘कराची बेकरी’ की शुरुआत खानचंद रामनानी नाम के सिंधी हिंदू परिवार ने 1953 में की थी. भारत-पाकिस्तान बंटवारे के वक्त उनका परिवार पाकिस्तान के कराची से हैदराबाद आ गया था. इसी के चलते उन्होंने अपनी बेकरी के नाम में ‘कराची’ को जोड़ लिया. हैदराबाद में सबसे पहली कराची बेकरी मोज्जम जाही मार्केट में खोली गई.