कोरबा, 10 मई । इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में संचालित समर कैंप में वर्ल्ड एथलेटिक्स डे के उपलक्ष्य में विभिन्न खेल गतिविधियों से विद्यार्थियों को पारंगत करवाया जा रहा है।प्रतिदिन समर कैंप में आने वाले प्रतिभागियों को फुटबॉल खेल की ट्रेनिंग दी जा रही है ।उन्हें फुटबॉल की हर एक बारीकी से अवगत कराया जा रहा है ।फुटबॉल खेल के प्रशिक्षक श्री असीम रहमान ,श्री लीलाराम एवं कुमारी निकिता थापा बच्चों को फुटबॉल मैदान एवं फुटबॉल खेल की हर बारीकी से अवगत करा रहे हैं। सुबह सवेरे जब बच्चे विद्यालय पहुंचते हैं तो प्रतिदिन की भांति उन्हें दो अलग-अलग टीमों में बांटकर फुटबॉल मैच कराया जाता है। उनके साथ साथ प्रशिक्षक भी फुटबॉल मैच खेलते हैं। वे प्रतिभागियों को बताते हैं कि फुटबॉल को किस जगह से ,कैसे किक लगाना है ।कैसे गोलपोस्ट पर ले जाना है, और कैसे गोल कर पॉइंट्स लेने हैं। प्रशिक्षकों ने बच्चों को यह भी बताया कि यदि हमारे प्रतिद्वंदी हमारे से मजबूत हैं या बेहतर स्थिति में है तो कैसे हम अपने आप को कंसंट्रेट कर पूरा का पूरा ध्यान खेल में लगाकर हारी हुई बाजी को जीतने का दम रख सकते हैं।
प्रशिक्षकों ने बच्चों को बताया कि हम चाहे कोई भी खेल खेलें हम में खेल भावना होने बहुत आवश्यक है। मिस निकिता थापा ने बच्चों का ज्ञानवर्धन करते हुए बताया कि हमें किस – किस पोजीशन में और कैसे फुटबॉल में किक लगाना चाहिए और कैसे बॉल को फॉलो करते हुए लगातार स्फूर्ति दिखाते हुए अपने कोप्लेयर्स की मदद से फुटबॉल को गोल पोस्ट तक पहुंचाना है। श्री असीम रहमान एवं श्री लीलाराम सर ने बच्चों को बताया किएथलेटिक्स का खेल खेल आयोजनों का एक विशेष संग्रह है जिसमें चलने, दौड़ने, फेंकने और कूदने आदि जैसे प्रतिस्पर्धी कार्यक्रम शामिल होते हैं।
एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं के सबसे आम प्रकार ट्रैक और फील्ड, रोड रनिंग, रेस वॉकिंग और क्रॉस-कंट्री रनिंग ।हमारा प्रयास रहना चाहिए कि हम अपने शरीर से एवं अन्य किसी हथियार से खेल के मैदान में किसी को चोटिल करने का प्रयास ना करें ।हारने के बाद भी हार स्वीकार करते हुए पूरे सम्मान के साथ जीते हुए खिलाड़ियों को हमें बधाई देनी चाहिए, और यदि हम जीतते हैं तो हममें अहंकार का भाव नहीं होना चाहिए। हमें खेल के मैदान में हर स्थिति में नम्र रहना है ना कि उग्र। एकाग्रचित्त होकर बस अपने लक्ष्य पर ध्यान देना है और लगातार जीतने का प्रयास करना है। याद रहे हम मैदान में अगर किसी प्रतिस्पर्धा में किसी खेल में भाग लेते हैं तो हमारा एकमात्र लक्ष्य अच्छा प्रदर्शन होना चाहिए।
*विद्यालय के प्राचार्य डॉ संजय गुप्ता ने कहा कि विश्व एथलेटिक्स दिवस 2023 की थीम ” सभी के लिए एथलेटिक्स – एक नई शुरुआत” है। विश्व एथलेटिक्स दिवस के उद्देश्य; हैं
- युवाओं में खेलों को लोकप्रिय बनाना।
एथलेटिक्स को स्कूलों और संस्थानों में प्राथमिक खेल के रूप में बढ़ावा देना। - खेलों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना और युवाओं को खेलों के महत्व के बारे में शिक्षित करना।
- युवाओं, हमारे खेल और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी को मजबूती से स्थापित करना।
जहां तक फुटबाल की बात है
फुटबॉल एक बहुत ही लोकप्रिय खेल होता है, यह सभी बच्चों का पसंदीदा खेल होता है, इस खेल को खेलने से ना सिर्फ हमारा मनोरंजन होता है बल्कि हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। फुटबॉल खेलने से हमारे शरीर के सभी अंग का भरपूर व्यायाम हो जाता है। फुटबॉल विश्व के सबसे मनोरंजक खेलों में से एक है ,जिसे सभी कोई खेलना पसंद करते हैं।जीवन में खेलों का बहुत महत्व होता है, हर किसी का कोई ना कोई एक खेल प्रिय होता है।
मैदान में खेला जाने वाला खेल फुटबॉल दुनिया में बहुत लोकप्रिय खेल है। इस खेल को खेलने में जितना मजा आता है उतना ही देखने वाले को भी आनंद आता है। फुटबॉल खेलने से हमारा शरीर मानसिक ,शारीरिक सभी तरह से स्वस्थ रहता है।यह लोकप्रिय खेल है, जो लगभग सभी देशों में खेला जाता है। इस खेल का शुरुआत इंग्लैंड से हुआ, लेकिन इस खेल का प्रारंभ मिस्र को माना जाता है, सबसे पहले फुटबॉल मिस्र में खेला गया था। पहले फुटबॉल आजकल खेला जाता है उस तरीके से नहीं खेला जाता था, उस समय लोग एक गेंद जैसे आकार की किसी चीज को पैर से मारकर खेलते थे।
मिस्र में इस खेल को पहले हरपासटीन के नाम से जाना जाता था, इसके बाद इस खेल का विस्तार बाकी जगहों पर भी हुआ और इसे कई नामों से जाना जाने लगा। इंग्लैंड में इस खेल का प्रसार 12 वीं सदी में हुआ, इंग्लैंड में मंगलवार के दिन को फुटबॉल दिवस के रूप में मनाया जाता था, इंग्लैंड में मंगलवार को संपूर्ण कार्य बंद रहता था। हमारा प्रयास हर स्तर पर बच्चों का सर्वांगीण विकास करना ही है और रहेगा और हम इसके लिए विद्यार्थियों को हर एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराएंगे और कराते रहेंगे।
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