कोरबा ,08 मई । 8 मई अंतरराष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस , इस दिन का उद्देश्य उन लोगों को प्रोत्साहित करना है, जो इस बीमारी के साथ जीने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस बीमारी से जूझते रहने के बावजूद जीने की काफी उम्मीदें होती हैं. उनकी उम्मीदों को पंख लगाने के लिए पिछले 7 सालो से रोहित कश्यप और उनकी टीम छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसायटी काम कर रही हैं. हमारी संस्था समय-समय पर रक्तदान शिविर लगाती हैं और थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों की मदद करती हैं.
संस्था द्वारा कोरबा जिले के सभी दूर दराज ग्राम से आए थैलेसिमिया और सिकलिन पीड़ित लगभग 70 से 80 बच्चों को गोद लेकर हर महीने निशुल्क रक्त की व्यवस्था कराई जाती है और साथ ही इस बीमारी से पीड़ित बच्चों को खान पान और जीवन चर्या के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है।
बच्चों में कम हो जाता है खून बनना
विशेषज्ञ कहते हैं कि थैलेसीमिया अनुवांशिक बीमारी है. इसमें बच्चों में खून बनना कम हो जाता है. थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे के शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं तेजी से खत्म होती हैं. इससे शरीर में नये सेल नहीं बन पाते. इस वजह से खून की कमी हो जाती है. यही कारण है कि 15-25 दिनों पर उन्हें ब्लड की जरूरत पड़ती है। आइए हम सभी संकल्प ले हर 3 महीने में अपना रक्तदान करेंगे और जीवनदान करेंगे।
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