कोरबा/करतला, 05 मई। करतला विकासखंड व जनपद पंचायत करतला के अंतर्गत ग्राम पंचायत बरपाली में शासकीय राशि का कथित तौर पर गबन करने का मामला सामने आया है। यहां पिछले 4 साल में नाली का एक इंच भी निर्माण नहीं कराया जा सका और निर्माण के एवज में पहली और दूसरी किश्त की राशि निकाल ली गई।
जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत करतला के ग्राम पंचायत बरपाली में जिला खनिज न्यास मद से वर्ष 2018-19 में आरसीसी नाली निर्माण कार्य की स्वीकृति मिली थी। 18 लाख रुपए की लागत से यह निर्माण स्वीकृत किया गया। बस स्टैण्ड बरपाली से हंसराम यादव के घर तक इस नाली का निर्माण किया जाना है। इसके एवज में स्वीकृत 18 लाख रुपए के विरूद्ध पहली किश्त 6 मार्च 2019 को 2 लाख रुपए तथा दूसरी किश्त 5 अप्रैल 2019 को 2 लाख रुपए का आहरण कर लिया गया लेकिन आज तक न तो काम शुरू हुआ है और न ही निर्माण के संबंध में कोई मटेरियल यहां गिरवाया गया। इस संबंध में पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है वहीं जनपद पंचायत प्रशासन भी संज्ञान नहीं ले रहा और 4 लाख रुपए की राशि 2 किश्तों में आहरण करने के बाद इसका कहां और किस शासकीय कार्य में उपयोग किया गया, इसे पूछने वाला कोई नहीं।
बता दें कि पूर्व सरपंच गोविंद नारायण की पत्नी श्रीमती धनेश्वरी कंवर उस समय जनपद पंचायत करतला की अध्यक्ष थी और चर्चा है कि इनके प्रभाव में बिना काम शुरू हुए ही 2 बार अग्रिम राशि निकाल ली गई। यह सारी बात जनपद पंचायत प्रशासन और संबंधित अधिकारी की जानकारी में होने के बाद भी पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्यवाही कर उपरोक्त राशि की वसूली नहीं कराई गई और न ही कार्य को प्रारंभ कराया जा सका है। नाली के अभाव में लोगों के घरों और दुकानों का पानी के साथ-साथ बरसात के समय पानी निकासी में काफी दिक्कत होती है और सड़क पर बहाव होता है।
अग्रिम राशि का होता आया है निजी उपयोग
गौरतलब है कि एकमात्र बरपाली ही पंचायत में ही ऐसा मामला नहीं है जिसमें निर्माण कार्य की अग्रिम राशि निकालकर उसका उपयोग न किया गया हो, बल्कि दर्जनों ऐसे पंचायत और शासकीय जनहित के निर्माण कार्य है जिनकी अग्रिम राशि निकाल लेने के बाद उसका निजी / व्यक्तिगत उपयोग किया जा कर हजम कर लिया जाता है।
प्रशासनिक अनदेखी के कारण दर्जनों ऐसे पंचायत प्रतिनिधि अथवा निर्माण संबंधी एजेंसी / ठेकेदार हैं जो इस तरह से छोटी-छोटी रकम को गबन कर इसका आंकड़ा लाखों- करोड़ों तक पहुंचा देते हैं। इस तरह के मामलों में प्रशासन को सख्ती से संज्ञान लेना चाहिए ताकि काम शुरू करने के एवज में अग्रिम राशि निकाल कर गबन करने वालों को सबक मिल सके।
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