भारत इस साल के मध्य तक दुनिया का सबसे आबादी वाला देश बन जाएगा। संयुक्त राष्ट्र द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि करीब 3 मिलियन यानी 30 लाख से अधिक लोगों के साथ चीन को पीछे छोड़ते हुए सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने की राह पर है।
अमेरिका तीसरे नंबर पर
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट, 2023 के जनसांख्यिकीय आंकड़ों का अनुमान है कि चीन की 1.4257 बिलियन की तुलना में भारत की जनसंख्या 1,428.6 मिलियन या 1.4286 बिलियन है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो अमेरिका 340 मिलियन की आबादी के साथ तीसरे नंबर पर है।
कब तक होगा जनसंख्या में बदलाव
जनसंख्या विशेषज्ञों ने संयुक्त राष्ट्र के पिछले आंकड़ों का उपयोग करते हुए अनुमान लगाया है कि भारत इस महीने चीन को पीछे छोड़ देगा। हालांकि अभी यह नहीं पता है कि इस बदलाव में कितना समय लगेगा। संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या अधिकारियों का कहना है कि अभी समय इसलिए नहीं बताया जा सकता है क्योंकि भारत की जनगणना साल 2011 में हुई थी। साल 2021 में होने वाली जनगणना में कोरोना महामारी के कारण देरी हुई है।
छह दशकों में पहली बार चीन की आबादी में कमी
गौरतलब है, पिछले साल छह दशकों में पहली बार चीन की आबादी में गिरावट आई थी। इसके बाद चीन की आबादी में कमी ही देखी जा रही है। कहा जा रहा है कि इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 2011 के बाद से औसतन 1.2 फीसदी रही है, जबकि पिछले 10 वर्षों में यह 1.7 फीसदी थी।
यूएनएफपीए इंडिया के प्रतिनिधि एंड्रिया वोजनार ने कहा कि भारतीय सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि लगातार बढ़ रही जनसंख्या का असर आम लोगों पर पड़ रहा है।
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