रायपुर । नाचा (नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन / एनआरआई एसोसिएशन छत्तीसगढ़ ) ने छत्तीसगढ़ी बोली और संस्कृति को बढ़ावा देने की पहल की है।
एसोसिएशन ने छत्तीसकोश एप डिजाइन किया हैं जिसमें छत्तीसगढ़ी के शब्दों को अंग्रेजी में और अंग्रेजी के शब्दों को छत्तीसगढ़ी में ट्रांसलेट किया जा सकेगा। इसमें शुरुआत में 25 हजार शब्दों काे ट्रांसलेट कर सकेंगे।
शब्दों के सलेक्शन के लिए एसोसिएशन ने पं. रविशंकर शुक्ल विवि के प्रोफेसर्स और स्टूडेंट्स की मदद ली है। एप में छत्तीसगढ़ी साहित्य कारों की मूल कृति को पढ़ने की सुविधा रहेगी ।
साथ ही छत्तीसगढ़ी लैंग्वेज के ट्यूटोरियल वीडियोज भी इसमें शामिल किए जाएंगे।
नाचा के प्रेसिडेंट गणेश कर ने बताया कि आज तक किसी भी राज्य के एनआरआई संगठन ने इस प्रकार का प्रयाेग नहीं किया है। दो साल पहले एप पर काम शुरू हुआ था। इसे मार्च में रिलीज करना था लेकिन अब नाचा की टीम रायपुर आकर 10 जून में इसे रिलीज करेगी।
छत्तीसगढ़ी के प्रोफेसर्स और स्टूडेंट्स ने किया काम
छत्तीसकोश एप के पहले फेस में 25000 शब्दों का ट्रांसलेशन किया जा सकेगा। उसके बाद एसोसिएशन का विजन 1 लाख शब्दों को एप की मदद से ट्रांसलेट करना है।
25000 शब्दों के चुनाव के लिए सबसे पहले ऐसे इंग्लिश शब्दों काे चुना गया जो ज्यादा उपयोग में लाए जाते है। उसके बाद पं रविवि में छत्तीसगढ़ी में एमए कर रहे स्टूडेंट्स को ट्रांसलेट करने के लिए प्रोजेक्ट दिया गया।
जिसे प्रोफेसर रिव्यू करने के बाद एसोसिएशन को शेयर करते थे। अभी भी स्टूडेंट्स लगातार काम कर रहे हैं।
इसमें प्राध्याक, प्रो शैल शर्मा, अध्यक्ष साहित्य एवं भाषा- अध्ययनशाला, डॉ कौस्तुभ मणि द्विवेदी एवं छात्र संजू गुप्ता, प्राची वर्मा, मोहित कुमार यदू काम कर रहे है। दूसरा फेस 2024-25 में शुरू करेंगे। जिसमें इंग्लिश या छत्तीसगढ़ी के निबंध को एक साथ इंग्लिश या छत्तीसगढ़ी में ट्रांसलेट कर सकेंगे।
हमारे एप में हमारे छत्तीशगढ़ के सभी बड़े आदरणीय साहित्यकारों जैसेः पद्मश्री सुरेंद्र दूबे जी , सुधीर शर्मा जी , सुशील भोले जी , अरुण कुमार निगम, सविता पाठक , गीता त्रिपाठी , शोभामोहन श्रीवास्तव, मोहन श्रीवास्तव, परदेसी राम वर्मा, रामनाथ साहू, दीपाली ठाकुर, आशा देशमुख, तुलसी तिवारी, सरला शर्मा , तुलसी तिवारी, अमिता दुबे, सुमित्रा कमड़िया, गीतेश जी के काव्य , कहानियाँ से लेकर पुरातत्व की जानकारी भी होगी।
इस एप में हमारे सभी साहित्यकारों के फीचर्स भी रहेंगे जिसमें छत्तीसगढ़ी नाटक, उपन्यास, कहानी, पर्व, लोक गीत, विलुप्त शब्दों की जानकारियां मिलेगी।
इसमें वीडियोज और कंटेट दोनों रहेंगे। ताकि देश-दुनिया में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक राज्य की संस्कृति की जानकारी पहुंच सकें। यदि कोई साहित्यकार अपना बुक पब्लिश करना चाहता है तो वो भी निशुल्क कर सकेंगे और अपना पीडीएफ बुक भी शेयर कर सकेंगे। वहीं इसमें साहित्यकार का अपना फोल्डर होगा। जिसमें उससे संबंधित सभी साहित्यिक सामग्री रहेगी।
छत्तीसगढ़ी को ग्लोबली पहचान बनाने की पहल
नाचा के प्रेसिडेंट गणेश कर ने बताया कि आज हर राज्य अपनी भाषा को प्रमोट कर रहा हैं। एप भी रिजनल लैंग्वेज में आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ी गूगल ट्रांसलेट में भी नहीं है और उसकी इसमें कोई प्लानिंग भी नहीं है। छत्तीसगढ़ी ऑनलाइन नहीं है और आसानी से सीखने की कोई सुविधा नहीं है इसी को देखते हुए नाचा ने पहल की है ताकि छत्तीसगढ़ी भी ग्लाेबली पहचान बना सकें।
नाचा की एग्जीक्यूटिव वाईस प्रेसिडेंट/छत्तीशकोष की चेयरपर्सन मीनल मिश्रा ने कहा कि दुनिया में कहीं से भी लोग छत्तीसगढ़ी और अंग्रेजी सीखने के लिए इस एप का उपयोग कर सकेंगे, हमारे इस एप के ज़रिये सभी हमारे पुरातत्व , कला , हमारे तीज त्योहार के बारे में भी जान सकेंगे ।इस एप की पूरी फंडिंग हमारा नाचा एसोसिएशन कर रहाहैं।
नाचा की जॉइंट सेक्रेटरी / छत्तीशकोश की को-चेयरपर्सन शशि साहू ने बोला की ये हमारे बच्चों के लिए बहुत अच्छा एप रहेगा. हमारे देश विदेश में जो बच्चे रह रहे है वह आसानी से अपनी भाषा को जान सकेंगे पढ़ सकेंगे इस एप के ज़रिये.
नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन (नाचा) छत्तीसगढ़ एनआरआई एसोसिएशन हैं। एसोसिएशन में 19देशों में रह रहे 3 हजार से ज्यादा छत्तीसगढ़ के एनआरआई जुड़े हुए हैं।
हमारे छ्त्तीशकोश एप का उद्घाटन रायपुर में 10 जून को होगा। उपयोगकर्ता छ्त्तीशकोश ऐप को 10 जून, 2023 से गूगल प्ले स्टोर और आईओएस से डाउनलोड कर सकता है।
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