रायपुर। कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मंगलवार को जयपुर में अपना अनशन शुरू कर दिया है। इसी दौरान छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सचिन पायलट का समर्थन कर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
टीएस सिंहदेव ने सचिन पायलट के पक्ष में दिया बयान
दरअसल, सोमवार को टीएस सिंहदेव ने राजस्थान के कांग्रेस नेता सचिन पायलट के पक्ष में बयान दिया। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट ने कोई लक्ष्मण रेखा पार की ऐसा मुझे नहीं लगता है। यह पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं है। सचिन पायलट को लगता होगा कि चुनाव के समय उन्हें मतदाता को जवाब देना पड़ेगा, क्योंकि उन्होंने कहा था कि वसुंधरा राजे की सरकार में बहुत भ्रष्टाचार हुआ है और वे इसकी जांच कराएंगे लेकिन उन्होंने नहीं कराई। अब आप जनता के पास जाएंगे तो जनता आपसे जवाब मांगेगी। कहेगी हम आपको वोट क्यों दें, आपने जो कहा था अपनी बात पूरी नहीं की।
सिंहदेव ने कहा कि मैं इसे सरकार के खिलाफ आंदोलन नहीं मानता हूं। वसुंधरा राजे की सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के तौर पर देख रहा हूं। सिंहदेव ने कहा आप हमेशा चुप बैठो, जो हो रहा है होने दो, कल कान पकड़कर पब्लिक आपको बाहर करेगी। इससे पार्टी को ही नुकसान होगा। प्रजातंत्र के अंदर यह नहीं है कि मुँह नहीं खोलना है।
टीएस सिंहदेव के इस बयान से कांग्रेस में मची खलबली
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने एक बार फिर यह बयान देकर कि वे अपनी ही सरकार में सत्ता से किनारे कर दिए गए हैं कांग्रेस में खलबली मचा दी है। 2018 के चुनाव में कांग्रेस की विजय के बाद सिंहदेव मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे, हालांकि कुर्सी भूपेश बघेल को मिली। तब चर्चा रही कि हाईकमान ने दोनों नेताओं को ढाई-ढाई साल तक मुख्यमंत्री बनाने का आफर दिया है।
आठ महीने पूर्व सिंहदेव ने छोड़ दिया था पंचायत विभाग के मंत्री का पद
सिंहदेव ने खुलकर इस पर कभी बात नहीं की परंतु इस फार्मूले को हवा देते रहे। ढाई साल बीता तो दोनों गुटों के विधायकों ने दिल्ली की दौड़ भी लगाई किंतु इस बार भी भूपेश विजयी रहे। इसे लेकर बीच-बीच में सिंहदेव का दर्द छलकता रहता है। करीब आठ महीने पूर्व उन्होंने पंचायत विभाग के मंत्री का पद छोड़ दिया, हालांकि स्वास्थ्य विभाग के मंत्री बने रहे।
पंचायत विभाग छोड़ते समय भी उन्होंने सरकार पर सीधे निशाना भले नहीं साधा पर यह दुख अवश्य जताया कि सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए राज्यांश नहीं दे रही है, इसलिए इस विभाग में काम करने का कोई मतलब नहीं है। यह भी कहा था कि उनके विभाग में दूसरे दखलअंदाजी कर रहे हैं।
मैं तो किनारे हूं, आपकी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचा ही सकता हूं बस- सिंहदेव
भाजपा सिंहदेव के बयान को सरकार के विरूद्ध मुद्दा बनाती रही है। अभी महीने भर पहले उन्होंने यह भी कहा था कि अब चुनाव लड़ने की कोई इच्छा नहीं रही। हालांकि भाजपा में जाने के प्रश्न पर वह हमेशा कांग्रेस के प्रति वफादारी की बात कहते रहे हैं। शनिवार को दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना दिया, रैली निकाली व सिंहदेव के घर का घेराव करने पहुंचे। सिंहदेव घर पर नहीं थे।
कर्मचारी नेताओं से फोन पर उन्होंने कहा कि न्याय तो मुख्यमंत्री से ही मिल पाएगा, हम तो खुद किनारे हैं, आप तो हमारी स्थिति जानते हैं। हम आपकी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचा सकते हैं बस। ज्ञात हो कि पिछले विधानसभा चुनाव में सिंहदेव कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष थे। कांग्रेस ने घोषणापत्र में अनियमित व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया था। यह वादा पूरा नहीं किया है।
सिंहदेव पहले भी कह चुके हैं कि कर्मचारियों से किया वादा पूरा न किया गया तो चुनाव में जाने पर मुश्किल होगी। आंदोलनरत कर्मचारियों ने कहा कि साढ़े चार वर्ष बीत चुके हैं, वादा पूरा नहीं किया गया है। हम सरकार बना सकते हैं तो गिरा भी सकते हैं। इसके जवाब में सिंहदेव ने एक बार फिर अपनी मजबूरी गिनाई। अभी फरवरी में नवा रायपुर में आयोजित कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान भी उन्होंने बयान दिया था कि वे मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। ढाई -ढाई वर्ष के फार्मूले की असलियत क्या है इस प्रश्न पर वह कहते रहे हैं कि समय आने पर बताऊंगा।
[metaslider id="347522"]