Vedant Samachar

Highcourt का बड़ा फैसला : ग्रामीण कृषि विस्तारक अधिकारी भर्ती की चयन सूची दोबारा जारी करने का आदेश, आरक्षित वर्ग को मिलेगा हक

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मध्यप्रदेश में सरकारी भर्तियों को लेकर एक बार फिर न्यायालय का सख्त रुख सामने आया है। किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की ग्रामीण कृषि विस्तारक अधिकारी भर्ती प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी का मामला हाईकोर्ट पहुंचा और अब इंदौर खंडपीठ ने इस पर बड़ा फैसला सुनाया है। न्यायालय ने आदेश दिया है कि विभाग चयन सूची को दोबारा जारी करे और यह सुनिश्चित करे कि समान अंक प्राप्त करने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में नियुक्ति दी जाए, जैसा कि भर्ती नियमों में स्पष्ट किया गया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को नियुक्ति देने के भी निर्देश दिए हैं।

2023 में निकली ग्रामीण कृषि विस्तारक अधिकारी भर्ती से जुड़ा है मामला

मामला साल 2023 में निकली ग्रामीण कृषि विस्तारक अधिकारी भर्ती से जुड़ा है। 6 अप्रैल 2023 को विभाग ने इन पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। परीक्षा हुई, और परिणाम आने के बाद चयन और प्रतीक्षा सूची जारी की गई। समय बीतने पर कई अनारक्षित वर्ग के चयनित उम्मीदवारों ने नियुक्ति नहीं ली। ऐसे में विभाग ने इन खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की। लेकिन विवाद तब गहराया जब विभाग ने केवल अनारक्षित वर्ग की प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवारों को दस्तावेज़ सत्यापन के लिए बुलाया और आरक्षित वर्ग के उन अभ्यर्थियों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया, जिन्होंने अनारक्षित वर्ग जितने या उससे अधिक अंक हासिल किए थे। 

अनदेखी के खिलाफ अभ्यर्थी ने दाखिल की थी याचिका

इस अनदेखी के खिलाफ मीनाक्षी अमृतलाल नामक अभ्यर्थी ने अधिवक्ता जयेश गुरनानी के माध्यम से हाईकोर्ट खंडपीठ इंदौर में रिट याचिका दाखिल की। उन्होंने तर्क दिया कि मध्यप्रदेश कनिष्ठ सेवा (संयुक्त अर्हता) परीक्षा नियम, 2013 के अनुसार यदि कोई आरक्षित वर्ग का अभ्यर्थी सामान्य वर्ग के बराबर अंक प्राप्त करता है तो उसे सामान्य वर्ग में नियुक्ति का अधिकार है। याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने माना कि विभाग की कार्यवाही नियमों के विरुद्ध थी। कोर्ट ने न केवल चयन सूची को दोबारा तैयार करने का आदेश दिया, बल्कि याचिकाकर्ता को नियुक्ति देने के भी निर्देश दिए।

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