कमलविहार में 7 साल बाद भी पूरा नहीं हुआ काम, फ्लैट लेकर ठगा महसूस कर रहे हैं लोग

रायपुर : रायपुर स्थित कमल विहार का काम अभी भी अधूरा है। प्राधिकरण के कमल विहार क्षेत्र सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम 7 साल बीतने के बाद भी पूरा नहीं हुआ है। बगीचों से रेलिंग सहित अन्य उपकरण चोरी हो रहे हैं। प्रकाश की समुचित व्यवस्था नहीं है जन समस्या को लेकर कमल विहार के रहवासी रेडीमेड एसोसिएशन संयोजक आशीष भट्टाचार्य प्राधिकरण कार्यालय में 10 अप्रैल को अधिकारियों के समक्ष खुलकर अपनी परेशानी बताएंगे। कमल विहार के विभिन्न समस्याओं को लेकर प्राधिकरण के साहू समस्याओं के समाधान में एक अहम बैठक 10 अप्रैल को प्रातः 11:30 बजे आयोजित की गई है। प्राधिकरण के अधिकारियों के समक्ष पुलिस चौकी स्थापित करने की समस्या,सेक्टर वाइज पोस्ट ऑफिस,स्कूल और अस्पताल खोलने की मांग करेंगे।

साइट ऑफिस पर रहते है अधिकारी कर्मचारी
कमल विहार के रहवासियों की एक प्रमुख समस्या यह है कि प्राधिकरण ने साइट ऑफिस तो बना दिया है पर दोपहर के बाद वहां ना तो संचालक मंडल के सदस्य रहते हैं नाही अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहते हैं। इसके कारण स्थानीय रहवासियों की समस्या को लेकर भटकते रहते हैं उनकी सुनने वाला वहां कोई नहीं है।

नया जनरेटर कबाड़
सूत्रों के मुताबिक लार्सन कंपनी की ओर से हर सेक्टर में निर्मित ट्रांसफार्मर के जनरेटर सेट जिनका मूल्य करीबन 45 लाख है कुल 15 नाग है। जिनका अभी तक टेस्टिंग ही नहीं हुई है। जिस वजह से बेशकीमती नया जनरेटर कबाड़ होने की कगार पर है। विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। 16 एकड़ में फैले पावर हाउस के सब स्टेशन की सालों से पुताई सफाई नहीं कराई गई है।

फ्लैट लेकर ठगा महसूस कर रहे हैं
कमल विहार में आरडीए के फ्लैट न मिलने से लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। आरडीए ने फ्लैट का पूरा पैसा तो ले लिया, लेकिन ग्राहकों को अभी तक फ्लैट पूरा करके नहीं दिया है। कमल विहार में पूर्व में लांच किए गए फ्लैट का पजेशन मिला नहीं और यहां दूसरे बिल्डिंग की लांचिंग कर दी गई है। एक किश्त नहीं देने पर आरडीए सरचार्ज वसूल कर रहा है, वहीं आरडीए की लेटलतीफी पर ग्राहकों को किसी प्रकार की राहत नहीं है। ऐसे कई ग्राहक हैं जो आरडीए की कार्यप्रणाली से परेशान हो चुके हैं।

पैसा पूरा लिया, कमल विहार में पांच साल में भी नहीं मिला फ्लैट
कमल विहार में फ्लैट लेने वालों पर इन दिनों बैंकों की किश्त, मकान का किराया और सरचार्ज की तलवार लटक रही है। उन निवेशकों को झटका लगा है, जिन्होंने दो या तीन वर्ष पहले कमल विहार में इस उम्मीद में फ्लैट की बुकिंग कराई थी कि समय पर उन्हें अपना घर मिल जाएगा। अब ऐसे लोग बैंक की किश्त और किराए के मकान का दोगुना खर्च उठा रहे हैं। समय पर फ्लैट देने का वादा कर आरडीए ने कमल विहार परियोजना में लोगों को निराश किया है।

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