तेल कंपनियों को मुनाफाखोरी की छूट देना जनता की जेब पर डाका
रायपुर । समाप्त हो रहे वित्तीय वर्ष में महंगाई बेतहाशा बढ़ी है। केन्द्र सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में आमजनता को किसी प्रकार की राहत नही दी गई है और पेट्रोल डीज़ल के दामों को स्थिर रखकर तेल कंपनियों को लूट की खुली छूट दी गई है। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों का विश्लेषण करें तो जून 22 से मार्च 23 आते तक कच्चे तेल की कीमतों में 58 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। जून 22 में कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमत 120 डॉलर करीब थी वही आज घटकर 69.5 डॉलर प्रति बैरल रह गई है। जब पेट्रोल-डीज़ल के दाम प्रतिदिन बढ़ते थे तो सरकार ने नियम तय किये थे कि दामों का निर्धारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों के बढ़ने के आधार पर तेल कंपनियां दाम तय करती है। लेकिन पिछले 10 माह में कच्चे तेल के अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों में बेहद कमी आई है, तो तेल के दाम कम क्यों नही किये गए। इसका सीधा फायदा आमजनता को मिलना चाहिए था।
महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि भारत का प्रत्येक नागरिक प्रतिदिन पेट्रोल डीज़ल का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उपयोग करता है। केन्द्र सरकार के संरक्षण में तेल कंपनियों द्वारा कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर मूल्यों में कमी न किये जाने से हर भारतवासी लूटा जा रहा है। पेट्रोल डीज़ल के टेक्स व मुनाफे की लाखों करोड़ों की आय से केन्द्र सरकार किसका विकास कर रही है जनता को बताएं। पेट्रोल डीज़ल के महंगे दामों से सभी उपभोक्ता वस्तुएँ महंगी हो जाती हैं । दैनिक उपयोग की सभी सामग्री में ट्रांसपोर्टेशन से कीमतें प्रभावित होती हैं। कोचर व चोपड़ा ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में मसाले 23 प्रतिशत महंगे हुए हैं । शक्कर 18 से 23प्रतिशत , दालें 12 प्रतिशत, विभिन्न अनाज में 16प्रतिशत , चाँवल में 25 प्रतिशत, दूध में 10 प्रतिशत, उड़द दाल में 20प्रतिशत, धी में 32 प्रतिशत, आटा 18 प्रतिशत दामों की वृद्धि सामने आई है। केन्द्र सरकार पेट्रोल डीज़ल की कीमतों को कच्चे तेल के मूल्यों के आधार पर नियंत्रित कर उपभोक्ता वस्तुओं के दामों में कमी ला सकती है।
जैन संवेदना ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी , वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर मांग की है कि कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर पेट्रोल डीज़ल की कीमतें तय करवाकर आमजनता को महंगाई से राहत दिलाए। पेट्रोल डीज़ल की कीमतों में कमी से आम उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें भी कम होगी। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि जिस प्रकार केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता बढ़ाया है वह साबित करता है कि महंगाई बढ़ी है। लोग महंगाई से परेशान हैं। जैसे केंद्रीय कर्मचारियों को राहत दी गई है वैसे ही देश की आमजनता भी राहत भरी नजरों से केन्द्र सरकार व प्रधानमंत्री मोदी की ओर अपेक्षा भरी नजरों से निहार रही है। और केन्द्र सरकार व मोदी महंगाई के मुद्दे से नजरें चुराकर अन्य मुद्दों को हवा देकर बचते नजर आ रहे हैं , जनता महंगाई के बोझ तले दबती जा रही है।
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