Janjgir Champa : बच्चों एवं महिलाओं पर अपराध रोकने और विधिक यहायता के संबंध में दी गई जानकारी

0.मिशन वात्सल्य के बेहतर क्रियान्वयन हेतु आयोजित प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित

जांजगीर-चांपा 06 मार्च । महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित मिशन वात्सल्य योजना एवं किशोर न्याय (बालकोें के देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 संशोधित अधिनियम 2021 आदर्श नियम 2016 संशोधित नियम 2022, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 एवं महिलाओं का कार्यस्थंल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 विषय पर जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला जिला पंचायत सभा कक्ष में प्रथम सत्र में छ0ग0 राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य श्रीमती पुष्पा पाटले की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। कार्यशाला में गितेश कौशिक सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बच्चों एवं महिलाओं के साथ घटित अपराध में पीड़ित को प्रदान की जाने वाली विधिक सहायता के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।

बाल आयोग की सदस्य द्वारा बच्चों के अधिकार एवं सुरक्षा तथा संरक्षण के संबंध में जानकारी प्रदान की गयी। मास्टर ट्रेनर विपिन ठाकुर सदस्य किशोर न्याय बोर्ड जिला राजनांदगांव द्वारा प्रशिक्षण सत्र प्रारंभ कर विषय वस्तु की विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए बच्चों के साथ होने वाले अपराध एवं उसके रोकथाम के संबध में अवगत कराया। किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 77, 78 के तहत् बालक जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम है को मादक पदार्थ बेचने या क्रय कराने वाले व्यक्ति पर 07 वर्ष के सजा के प्रावधान के संबंध में अवगत कराया गया। नवजात शिशु के किसी स्थल पर प्राप्त होने पर तत्काल पुलिस को सूचना देते हुए बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत कराने की जानकारी दी गयी। नवजात शिशु की प्राप्ति पर सूचित न किये जाने या नवजात शिशु को स्वयं के संरक्षण में रखे जाने या उसे अवैध रूप से क्रय-विक्रय किये जाना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है।

कार्यशाला के दूसरे सत्र में कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 विषय पर प्रशिक्षण आरंभ किया गया। जिसमें सर्वप्रथम पुलिस अधीक्षक द्वारा बच्चे एवं महिलाओं के साथ होने वाले हिंसा के रोकथाम हेतु पुलिस विभाग की भूमिका के संबंध में जानकारी प्रदान की गई। कलेक्टर सुश्री चौधरी द्वारा सभी विभागों से समन्वय कर समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक किये जाने का सुझाव प्रदान किया गया। पीओसीडब्ल्यू की सदस्य श्रीमती मंजू सिंह द्वारा महिला सशक्तीकरण से संबंधित जानकारी प्रदान की गयी। मास्टर ट्रेनर विपिन ठाकुर द्वारा घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 एवं महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।

एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यगण, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य, श्रीमती मंजू सिंह सदस्य कर्मकार मण्डल छ0ग0, श्रीमती गीता देवांगन, जिला स्तरीय स्थानीय शिकायत समिति की अध्यक्ष श्रीमती तान्या अनुरागी पाण्डेय, सदस्यगण श्रीमती रिशीकांता राठौर, श्रीमती नम्रता नामदेव, पुलिस विभाग के समस्त बाल कल्याण अधिकारी, शिक्षा विभाग, आदिमजाति कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, श्रम विभाग, समस्त परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना, जिला बाल संरक्षण इकाई के समस्त अधिकारी कर्मचारी, सखी वन स्टाप सेन्टर, नवा बिहान, चाईल्ड लाईन जांजगीर/सक्ती, बाल देखरेख संस्था के कर्मचारी बडी संख्या में उपस्थित थे।

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