रायपुर ,02 मार्च । इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने विभिन्न कृषि संकायों में अध्ययनरत विद्यार्थियों से आव्हान किया है कि वे कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों में हो रहे नवीन अनुसंधानों तथा आधुनिक प्रौद्योगिकी से संबंधित कौशल विकास अर्जित कर नये-नये नवाचार करें तथा उनपर आधारित अपना स्वयं का स्टार्टअप प्रारंभ करें। उन्होंने कहा कि कृषि तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नित हो रहे नवीन अनुसंधानों तथा तकनीकों से इन क्षेत्रों में नवाचार तथा स्टार्टअप प्रारंभ करने हेतु बेहतर वातावरण तैयार हुआ है, जिसका विद्यार्थियों को लाभ उठाना के लिए आगे आना चाहिए। डॉ. चंदेल विश्वविद्यालय में संचालित कैरियर डेव्हलपमेंट सेन्टर द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना (छ।भ्म्च्), भारतीय कृषि प्रबंधन अकादमी के सहयोग से ‘‘कृषि छात्रों में उद्यमशीलता हेतु कौशल विकास’’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का समापन कर रहे थे। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य कृषि छात्रों में कौशल विकास, नवाचार एवं उद्यमशीलता का विकास है। कार्यशाला में कृषि, कृषि अभियांत्रिकी एवं खाद्य प्रद्योगिकी महाविद्यालय, रायपुर के तृतीय एवं चतुर्थ वर्ष में अध्यनरत 100 से अधिक छात्र सम्मिलित हुए।
इस कार्यशाला का शुभारंभ कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. जी. के दास ने किया एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा ने की। इस एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान विद्यार्थियों में उद्यमिता विकास पर विभिन्न विषयों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिया गया। ‘‘कैरियर विकास हेतु संवाद कौशल’’ विषय पर प्रो. अनिल काले द्वारा व्याख्यान दिया गया। ‘‘टीम वर्क एवं टीम निर्माण’’ विषय पर प्रो. प्रसन्न निमोंकर ने व्याख्यान दिया। ‘’कृषि में नवचार एवं स्टार्टअप’’ विषय पर आई.जी.के.वी. राबी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. हुलास पाठक द्वारा व्याख्यान दिया गया। विद्यार्थियों को ’उद्यम स्थापना में सरकारी मदद’ विषय पर प्रबंधक अभिजीत शर्मा द्वारा जानकारी दी गयी। कार्यशाला के दौरान विषय विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न प्रकार की सामूहिक गतिविधियों का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम के अन्त में प्रतिभागी विद्यार्थियों को अतिथियों द्वारा प्रमाणपत्र प्रदान किये गये। कार्यक्रम का संचालन कार्यशाला प्रभारी डॉ. संजय जोशी द्वारा किया गया। इस एक दिवसीय कार्यशाला के कार्यक्रम संयोजक डॉ. रामा मोहन सावु थे। इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, वैज्ञानिक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे।
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