मुंबई,29 अप्रैल 2025 : साल 2025 के करीब करीब 4 महीने पूरे हो चुके हैं. खास बात तो ये है कि रुपए ने इस 2025 को कई मायनों में अपने लिए खास बना लिया है. जहां जनवरी के महीने में रुपए अपने ऑल टाइम लोअर लेवल पर पहुंच गया था. वहीं से अब रुपया ना सिर्फ रिकवर हुआ बल्कि करीब एक फीसदी की तेजी के साथ मौजूदा साल में अपने पीक पर पहुंच गया है. रिपोर्ट है कि रुपए ने भारत पाक टेंशन के बीच पूरे एशिया में डंका बजाते हुए डॉलर के मुकाबले में सबसे मजबूत करेंसी उभरकर सामने आ गई है.
सोमवार को तेजी के साथ बंद होने के बाद मंगलवार को भले ही रुपया गिरावट के साथ ओपन हुआ हो, लेकिन करेंसी ने अपने आप को जल्द रिकवर करते हुए पूरे एशिया को हैरत में डाल दिया. और 85 के लेवल से मजबूत होते हुए 84 के लेवल पर पहुंच गया.
रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 27 पैसे बढ़कर 84.96 पर पहुंच गया, जिसे विदेशी फंडों की मजबूत आवक, मजबूत घरेलू आंकड़ों और वैश्विक तनाव में कमी से समर्थन मिला. फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स ने कहा कि भारत के मैन्युफैक्चरिंग और इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन दोनों में 3 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है, जोकि जो घरेलू मांग की हेल्थ को दर्शाता है.
इसके अलावा, फॉरेन फंड्स इनफ्लो में उछाल से प्रेरित घरेलू इक्विटी में मजबूत रैली ने भावनाओं को और बढ़ावा दिया. हालांकि, सावधानी बनी हुई है, क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में कोई भी वृद्धि तेजी से लाभ को उलट सकती है और रुपए पर दबाव डाल सकती है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर करेंसी मार्केट में किस तरह का डाटा देखने को मिल रहा है?
साल की ऊंचाई पर रुपया
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया डॉलर के मुकाबले 85.06 पर ओपन हुआ और बढ़त हासिल की और 84.95 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद के मुकाबले 28 पैसे की बढ़त दर्ज करती है. शुरुआती कारोबार में, रुपया डॉलर के मुकाबले 85.15 के शुरुआती निचले स्तर को भी छू गया. सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 18 पैसे बढ़कर 85.23 पर बंद हुआ. सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के एमडी अमित पबारी ने कहा कि ग्लोबल फ्रंट पर, एक अधिक कूटनीतिक स्वर उभरा है.
अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने संकेत दिया कि भारत और जापान सहित एशियाई सहयोगियों के साथ बातचीत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है. महत्वपूर्ण बात यह है कि चीन ने टैरिफ पर प्रमुख छूट की पेशकश करके तनाव कम करने के संकेत दिए हैं, जो व्यापार तनाव को कम करने की इच्छा का संकेत है. पबारी ने कहा कि टैरिफ से कुछ वस्तुओं को छूट देने और ऑटोमोटिव टैरिफ को कम करने जैसे उपाय एक व्यापक ट्रेड वॉर बचने और ग्लोबल सप्लाई को राहत देने के लिए जानबूझकर किए गए प्रयास को दर्शाते हैं.
डॉलर इंडेक्स में तेजी
इस बीच, डॉलर इंडेक्स, जो छह मुद्राओं की एक टोकरी के मुकाबले ग्रीनबैक की ताकत को मापता है, 0.17 फीसदी 99.18 पर कारोबार कर रहा था. इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड ऑयल 0.68 फीसदी गिरकर 65.41 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. घरेलू इक्विटी बाजार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 404.00 अंक या 0.50 प्रतिशत बढ़कर 80,622.37 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 115.40 अंक या 0.47 प्रतिशत बढ़कर 24,443.90 पर पहुंच गया.
एक्सचेंज डेटा के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को शुद्ध आधार पर 2,474.10 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. घरेलू वृहद आर्थिक मोर्चे पर, भारत की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि मार्च में क्रमिक आधार पर 3 प्रतिशत पर लगभग स्थिर रही, हालांकि, साल-दर-साल आधार पर यह 5.5 प्रतिशत से फिसल गई, जिसका मुख्य कारण विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों का खराब प्रदर्शन था.