खैरागढ़,29अप्रैल 2025(वेदांत समाचार) । बिना प्रस्ताव के मीराबाई चौक को तोड़े जाने के विरोध में विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन, नगर पालिका उपाध्यक्ष अब्दुल रज्जाक खान व नेता प्रतिपक्ष दीपक देवांगन की अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सौपा. खैरागढ़ के सिविल लाइन स्थित मीराबाई चौक को नगर पालिका अधिकारी द्वारा बिना किसी प्रस्ताव या जनसहमति के तोड़फोड़ किए जाने को लेकर शहर में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। पांच हजारों से अधिक नागरिकों ने जिला कलेक्टर को हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपकर मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है।ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि नगर पालिका के प्लेसमेंट कर्मचारियों के माध्यम से शासकीय जेसीबी मशीन से चौक पर स्थापित श्रीकृष्ण भक्त और राष्ट्रीय कवयित्री मीराबाई की प्रतिमा को हटाने के साथ ही, हरे-भरे वृक्षों को भी बेरहमी से काट दिया गया। यह कार्य 14 अप्रैल को बाबा भीमराव अंबेडकर जयंती के दिन बिना किसी वैधानिक प्रस्ताव या नगरवासियों की सहमति के किया गया, जिसे गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
आंदोलन को मिला यादव और राजपूत समाज का समर्थन
इस आंदोलन को विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण के वंशज माने जाने वाले यादव समाज का पूर्ण समर्थन प्राप्त है। यादव समाज ने न केवल इस आंदोलन के विचारों और उद्देश्यों का समर्थन किया है, बल्कि जमीनी स्तर पर सक्रिय भागीदारी भी निभाई है। श्रीकृष्ण के प्रति अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक निष्ठा के चलते यादव समुदाय ने इस आंदोलन को अपने अस्तित्व और अस्मिता से जोड़ते हुए इसे एक जनांदोलन का स्वरूप प्रदान किया है।साथ ही, जिस राजपूत क्षत्रिय समाज से महान भक्त मीराबाई का संबंध रहा है, उस समाज ने भी इस आंदोलन को खुलकर समर्थन दिया है। मीराबाई, जो अपने समय में भक्ति आंदोलन की एक प्रमुख प्रेरणा रही हैं, का राजपूत जाति से गहरा नाता रहा है। राजपूत क्षत्रिय समाज ने अपनी सांस्कृतिक विरासत, स्वाभिमान और धर्मनिष्ठा के आधार पर इस आंदोलन को मजबूती से समर्थन दिया है।
इस समाज ने आंदोलन के नैतिक मूल्यों और आध्यात्मिक आदर्शों को अपना समर्थन प्रदान कर इसकी वैचारिक शक्ति को कई गुना बढ़ा दिया है।शहरवासियों के अनुसार, मीराबाई चौक का सौंदर्यीकरण वर्षों पूर्व शासकीय राशि से कराया गया था और वहाँ विद्युत व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई थी। बिना पूर्व सूचना या सभा निर्णय के चौक को तोड़ना, न सिर्फ शासकीय सम्पत्ति का नुकसान है, बल्कि समाज की भावनाओं का भी घोर अपमान है।हस्ताक्षर अभियान मे अधिवक्ता संघ ने भी अपना समर्थन दिया एवं नगर वासियो सहित व्यापारियों व युवा वर्गो ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया हस्ताक्षर कर समर्थन दिया है तथा नगर पालिका की इस कृत्य की निंदा की गई है।कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मीराबाई चौक पुनः स्थापित करने और दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने की माँग को लेकर शहर में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया, जिसमें हजारों नागरिकों ने अपना समर्थन दिया।
कांग्रेस ने महिला कांग्रेस और युवा कांग्रेस के नेतृत्व में अलग-अलग चरणों में विरोध कार्यक्रम आयोजित करने तथा अंततः प्रदेश स्तर के नेताओं के साथ विशाल जनआंदोलन छेड़ने की घोषणा की है।नगरवासियों का कहना है कि यह आंदोलन केवल राजनीतिक लड़ाई नहीं है, बल्कि नगर पालिका अधिकारी के निरंकुश रवैये और शासकीय संपत्ति के दुरुपयोग के खिलाफ जनता का स्वाभिमानी संघर्ष है।आंदोलन के संयोजक एवं विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने ज्ञापन सौंपने के उपरांत कहा कि नगर की आस्था से जुड़े जनहित के इस महत्वपूर्ण विषय पर यदि प्रशासन समय रहते उचित कार्रवाई नहीं करता है और जनता की भावनाओं का सम्मान नहीं करता, तो कांग्रेस पार्टी द्वारा नियोजित चरणबद्ध आंदोलन निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द समाधान नहीं निकाला, तो आंदोलन को और अधिक उग्र रूप दिया जाएगा। कांग्रेस कार्यकर्ता तथा जनसमूह इस जनहित के मुद्दे पर संघर्ष करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। ज्ञापन देने वालो मे वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुनील पांडे, एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष सुमित जैन, पार्षद दिलीप लहरे, पुरुषोत्तम वर्मा, शेखर दास वैष्णव, अंकित चोपड़ा, महेश यादव, संत निषाद, अल्ताफ अली, सूर्यकांत यादव, चंद्रशेखर वर्मा, रामकुमार जांगड़े, भूपेंद्र वर्मा, रामगोपाल वर्मा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।