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कोरबा जिले में बिजली विभाग की लचर व्यवस्था: आम आदमी परेशान

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कोरबा, 28 अप्रैल (वेदांत समाचार)। कोरबा जिले में बिजली की व्यवस्था बदहाल है। आए दिन बिजली की अघोषित कटौती और बार-बार बिजली आने-जाने से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। इससे लोगों के घरेलू उपकरण भी खराब हो रहे हैं।

क्या है वजह?

बिजली विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार इसका मुख्य कारण है। विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं और फोन तक नहीं उठाते। ठेके पर काम करवाने की व्यवस्था ने इसे और भी बदतर बना दिया है। विभाग के पास टेक्निकल नॉलेज की कमी है और अधिकारी सिर्फ अपनी जेब गर्म करने में लगे हैं।

सीडीएसपीएएल वितरण विभाग की भूमिका

बिजली वितरण विभाग गहरी नींद में है। करोड़ों रुपये के बंदरवाद का मामला सामने आया है, लेकिन अधिकारी इसका जवाब देने में विफल रहते हैं। रख-रखाव के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हो रहा है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की भूमिका

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री अभी नए हैं और उन्हें खुद नॉलेज नहीं है। अधिकारी इसका फायदा उठा रहे हैं और बाबू-शाही और अफसरशाही बिजली के नाम पर हावी है। नेता भी बड़े मस्त होकर नजारा देख रहे हैं।

क्या हो सकता है समाधान?

बिजली विभाग में टेक्निकल नॉलेज वाले अधिकारियों की नियुक्ति होनी चाहिए। ठेके पर काम करवाने की व्यवस्था बंद होनी चाहिए और विभाग के अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। बिजली वितरण विभाग को भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए और भ्रष्टाचार पर रोक लगनी चाहिए।

निष्कर्ष

कोरबा जिले में बिजली विभाग की लचर व्यवस्था से आम आदमी परेशान है। विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं और भ्रष्टाचार चरम पर है। इसका समाधान तभी हो सकता है जब विभाग में टेक्निकल नॉलेज वाले अधिकारियों की नियुक्ति हो और ठेके पर काम करवाने की व्यवस्था बंद हो।

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