कोरबा,28 अप्रैल 2025। कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्टाफ नर्सों की लापरवाही के कारण मरीजों की जान खतरे में है। ताजा मामला फीमेल वार्ड में सामने आया, जहां ड्यूटी पर तैनात नर्स बिना चार्ज दिए चली गई और दूसरी नर्स आधे घंटे तक अस्पताल नहीं पहुंची। इस बीच ब्लड ट्रांसफ्यूजन मरीज को रिएक्शन हो गया। गनीमत रही कि डॉक्टर वक्त पर पहुंच गए और मरीज की जान बच गई।
बायोमेट्रिक रिकॉर्ड में खुलासा
शिकायत के बाद जब प्रबंधन ने बायोमेट्रिक हाजिरी रिकॉर्ड खंगाला तो सच्चाई सामने आ गई। ड्यूटी पर तैनात संविदा स्टाफ नर्स का महीनों से यही रवैया था। कभी 12 मिनट, कभी 17 मिनट, तो कभी महज 1 घंटे में ही अस्पताल छोड़ देती थी। कई बार बिना अनुमति के छुट्टियां भी लीं। रिकॉर्ड में साफ है कि वह लगभग 20 दिन देर से ड्यूटी आ रही थी।
नोटिस के बाद भी नहीं सुधरी
नोटिस देने के बाद भी नर्स का रवैया नहीं बदला। उल्टे पहले दो दिन बगैर अनुमति के छुट्टी ली, फिर ड्यूटी ज्वाइन कर सिर्फ 17 मिनट में लौट गई। इसके बाद भी आए दिन आधे घंटे, एक घंटा लेट आना और चार्ज दिए बगैर लौटना जारी है।


डीन का जवाब
मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. के.के. सहारे का कहना है कि “अनुशासन समिति बनाई गई है। स्टाफ की मॉनिटरिंग की जा रही है। देरी करने वालों को अंतिम चेतावनी दी गई है। घटना की पुनरावृत्ति पर बर्खास्तगी की कार्रवाई होगी।”
प्रशासन की लापरवाही
प्रशासन की लापरवाही यहीं खत्म नहीं होती। बायोमेट्रिक रिकॉर्ड और सीसीटीवी फुटेज चीख-चीख कर गवाही दे रहे हैं कि ड्यूटी से गायब रहने वालों को पूरी सैलरी दी जा रही है। मेट्रन ने ऐसा सिस्टम सेट किया है कि नर्सों से 6-6 घंटे की दो शिफ्ट तो 12 घंटे की नाइट शिफ्ट चलाई जा रही है, जबकि सबको 8 घंटे की बराबर शिफ्ट में काम लिया जा सकता है। इससे श्रम कानून का उल्लंघन भी रुकेगा।
क्या होगा अगली बार?
गनीमत रही कि डॉक्टर समय पर पहुंच गए और मरीज की जान बच गई। मगर क्या हर बार किस्मत यूं ही साथ देगी? मरीज की जान से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई कब होगी? या फिर प्रबंधन किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है?