Vedanta Group वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) पोटाश खनन क्षेत्र में उतरने की योजना बना रही है और राजस्थान के एक ब्लॉक पर नजर गड़ाए हुए है, जहां लिथियम भंडार होने की भी अच्छी संभावना है। यह जानकारी कंपनी के CEO अरुण मिश्रा ने दी है।
भारत की पोटाश आयात निर्भरता कम करने के प्रयास
भारत पोटाश के लिए काफी हद तक आयात पर निर्भर है और इस निर्भरता को कम करने के उपायों पर काम कर रहा है। भारत का पोटाश आयात मुख्य रूप से रूस, कनाडा, बेलारूस और इजराइल जैसे देशों से होता है।
कंपनी की विस्तार योजना
हिंदुस्तान जिंक अब बेस मेटल्स—जिंक और लेड—और कीमती धातु चांदी से आगे बढ़कर उन सभी क्रिटिकल मिनरल्स में विस्तार करने की योजना बना रही है, जो कंपनी के रणनीतिक हित में हैं। कंपनी को राजस्थान में डुगोचा गोल्ड ब्लॉक का पसंदीदा बोलीदाता घोषित किया गया है, जिससे कीमती धातुओं के पोर्टफोलियो में विस्तार हुआ है।
CEO का बयान
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के CEO अरुण मिश्रा ने कहा, “हमने गोल्ड ब्लॉक हासिल किया है, टंगस्टन ब्लॉक भी मिला है। यानी हिंदुस्तान जिंक अब सिर्फ जिंक, लेड और सिल्वर तक सीमित नहीं रहेगी। हम सभी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण खनिजों में विस्तार करेंगे, जिसमें पोटाश भी शामिल है।”
कंपनी की भविष्य की योजनाएं
कंपनी देशभर में हो रही सभी खनिज ब्लॉक्स की नीलामी में भाग लेने की तैयारी कर रही है। उनकी सहायक कंपनी हिंदमेटल एक्सप्लोरेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड इस दिशा में पूरी तरह सक्रिय है। यह इकाई विशेष रूप से रणनीतिक और क्रिटिकल मिनरल्स की खोज पर केंद्रित है।
आर्थिक प्रदर्शन
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने मार्च 2025 को समाप्त तिमाही में 47.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 3,003 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया। कंपनी ने पिछले साल इसी तिमाही में 2,038 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हासिल किया था। यह वृद्धि रिकॉर्ड मेटल वॉल्यूम और कम उत्पादन लागत के चलते संभव हुई है।