गरियाबंद,14 फरवरी । जिले के देवभोग विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम अनेसर में एक बाल विवाह होने की तैयारी चल रही थी। 9 फरवरी को जिला बाल संरक्षण इकाई (मबावि) एवं चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम द्वारा घटना स्थल पर पहुंच कर बालक की आयु संबंधी दस्तावेज 8वीं की अंकसूची के आधार पर बालक की आयु सत्यापन किया गया। जिसमें उसकी आयु 18 वर्ष 6 माह 28 दिन होना पाया गया। बालक का विवाह 11 फरवरी को तय किया गया था।
जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम के अधिकारियों ने बताया कि विवाह के लिये बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बालिका की आयु 18 वर्ष एवं लड़के की आयु 21 वर्ष पूर्ण होना अनिवार्य है। निर्धारित आयु से कम आयु में महिला/पुरूष का विवाह करने या करवाने की स्थिति में सम्मिलित व सहयोगी सभी लोग अपराध की श्रेणी में आते है। जिन्हें 2 वर्ष तक का कठोर कारावास एवं 1 लाख रुपये का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है।
जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम द्वारा अग्रिम कार्रवाई करते हुए बालक के माता-पिता व परिवार वालों एवं ग्रामीणों को समझाइश दिया कि बालक की आयु 21 वर्ष पूर्ण होने बाद ही विवाह करें। सभी लोग बाल विवाह रोकथाम टीम की समझाइश पर सहमति जताई। टीम द्वारा उपस्थित ग्रामीणों से आग्रह किया कि निर्धारित आयु सीमा के बाद ही विवाह करें। जिससे बालक-बालिका के शिक्षा, स्वास्थ्य, कुपोषण, परिवार नियोजन आदि में बेहतर सुधार में योगदान दिया जा सके। अभियान में जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी के निगरानी में ऑउटरीचवर्कर यशवंत ध्रुव, टीम मेम्बर धनीराम बरेठ, चाईल्ड लाईन 1098 व देवभोग थाना से पुलिस बल शामिल थे।
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