Vedant Samachar

अंबानी-टाटा की लगी लॉटरी, एक हफ्ते में कमा डाले 1.18 लाख करोड़

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नई दिल्ली ,27 अप्रैल 2025 : शेयर बाजार में बीते कुछ हफ़्तों से अच्छी तेजी देखने को मिल रही है. इस बीच बीते सप्ताह बीएसई में लिस्टेड टॉप-10 में से 6 कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 1.18 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी देखने को मिली है. सबसे ज्यादा फायदा मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और TCS के निवेशकों को हुआ. हफ्तेभर में ही इन्वेस्टर्स की दौलत में करोड़ों की इजाफा हुआ.

देश की टॉप 10 मूल्यवान फर्मों में छह का मार्केट कैप पिछले हफ्ते 1,18,626.24 करोड़ रुपये बढ़ गया. इसमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को सबसे अधिक लाभ हुआ. पिछले हफ्ते, बीएसई सेंसेक्स 659.33 अंक या 0.83 प्रतिशत चढ़ा. एनएसई निफ्टी 187.7 अंक या 0.78 प्रतिशत बढ़ा.

सबसे ज्यादा फायदा इनको हुआ
इस दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, भारतीय स्टेट बैंक, इंफोसिस और आईटीसी का मूल्यांकन बढ़ा. दूसरी ओर भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस और हिंदुस्तान यूनिलीवर के मूल्यांकन में कमी आई. टीसीएस का बाजार मूल्यांकन 53,692.42 करोड़ रुपये बढ़कर 12,47,281.40 करोड़ रुपये हो गया. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 34,507.55 करोड़ रुपये जोड़े, और उसका मूल्यांकन 17,59,276.14 करोड़ रुपये रहा.

इंफोसिस का बाजार मूल्यांकन 24,919.58 करोड़ रुपये बढ़कर 6,14,766.06 करोड़ रुपये और एचडीएफसी बैंक का मूल्यांकन 2,907.85 करोड़ रुपये बढ़कर 14,61,842.17 करोड़ रुपये हो गया.

इनको हुआ नुकसान
दूसरी ओर भारती एयरटेल का मूल्यांकन 41,967.5 करोड़ रुपये घटकर 10,35,274.24 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान यूनिलीवर का मूल्यांकन 10,114.99 करोड़ रुपये घटकर 5,47,830.70 करोड़ रुपये रह गया. इस दौरान बजाज फाइनेंस और आईसीआईसीआई बैंक के बाजार पूंजीकरण में भी कमी हुई.

कितनी है किसकी रैंकिंग?
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सबसे मूल्यवान कंपनी का खिताब बरकरार रखा, जिसके बाद एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, इंफोसिस, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी का स्थान रहा.

अगले हफ्ते कैसा रहेगा बाजार?
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि 28 अप्रैल से शुरू हो रहे सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों में सतर्कता का माहौल बना रह सकता है. तकनीकी संकेतकों के अनुसार, निफ्टी में और गिरावट की संभावना है, जबकि कुछ घरेलू क्षेत्रों में निवेशकों की रुचि बनी रह सकती है. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और घरेलू आर्थिक संकेतकों के बीच संतुलन बनाना निवेशकों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा.

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