रायगढ़। राज्य सरकार की तबादला एक्सप्रेस फर्राटे से दौड़ रही है। कई विभाग ऐसे हैं, जिन्हें पूरी तरह साईडलाइन कर दिया गया है। यहां अधिकारी की पदस्थापना ही नहीं की जा रही है। नापतौल विभाग में तो हद हो गई। एक ही अधिकारी को दुर्ग, बिलासपुर और रायगढ़ की कमान दी गई है। इस वजह से अधिकारी महीने में एक-दो दिन के लिए ही रायगढ़ पहुंचते हैं।
तौल में गड़बड़ी को रोकने के लिए तैनात नापतौल विभाग इन दिनों सरकार की उपेक्षा झेल रहा है। न तो अधिकारी की पोस्टिंग की जा रही है और न ही निरीक्षकों की संख्या बढ़ाई जा रही है। रायगढ़ जिले में पेट्रोल पंपों, राशन दुकानों, धान उपार्जन केंद्रों, वे-ब्रिज, धर्मकांटे आदि की जांच करने के लिए पर्याप्त टीम ही नहीं है।
फिलहाल सरकार ने एमएल कुंजाम को दुर्ग में पदस्थ किया है। उन्हें बिलासपुर और रायगढ़ के अतिरिक्त प्रभार भी दिए हैं। सोचिए कि दुर्ग, बिलासपुर और रायगढ़ जैसे जिलों में कितना काम है और पोस्टिंग एक ही अधिकारी की है। महीने में एक-दो बार अधिकारी आ गए तो बहुत है। इसके अलावा रायगढ़ में दो निरीक्षक सुमीत सोलंकी और ओलिभा किस्पोट्टा की पोस्टिंग है। ओलिभा को रायगढ़ में पदस्थ रहे कई साल हो चुके हैं।
धान खरीदी खत्म लेकिन तौलकांटे का कैलिब्रेशन नहीं
प्रदेश में धान उपार्जन का काम पूरा होने वाला है। सभी केंद्रों में नापतौल विभाग वजन मशीन का कैलिब्रेशन करता है। इस बार कुछ केंद्रों में यह काम हुआ, लेकिन बाकी जगहों पर किसानों के धान में कांटा मारा गया है।
पेट्रोल पंपों पर तो जांच तो बंद ही हो चुकी है। जिले में नापतौल विभाग का काम ही खत्म हो चुका है। केवल औपचारिक काम हो रहे हैं।
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