गर्मियों में तापमान बढ़ने से बहुत तेज गर्म हवाएं चलने लगती हैं. इन गर्म हवाओं को ही लू या हीट वेव कहा जाता है. कई बार हीट वेव के कारण मौत भी हो सकती है. जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है, वह हीट वेव को सहन कर लेते हैं, लेकिन कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को लू लग जाती है. लू लगने के कुछ प्राथमिक लक्षण होते हैं. इन लक्षणों को पहचानकर तुरंत इलाज करवाना चाहिए.
तेज गर्म हवाएं हीट वेव या लू शरीर के संपर्क में आने के बाद शरीर का तापमान बढ़ा देती हैं.जिससे कई गंभीर समस्याएं होती हैं. जो लोग ज्यादा देर तक धूप में रहते हैं या फिर दोपहर में 12 बजे से 4 बजे के बीच धूप में रहना पड़ता है. उन्हें लू लगने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है. इसके साथ ही जो लोग खुद को हाइड्रेट नहीं रखते, उन्हें भी लू लगने की आशंका ज्यादा रहती है. गंभीर बात यह है कि अधिकांश लोगों को जल्दी पता ही नहीं चल पाता है कि उन्हें लू लग गई है.
ये होते हैं लक्षण
यदि आप लूट की चपेट में आ गए हैं तो सबसे पहला लक्षण आपको सिर में दर्द होना शुरु हो जाएगा. इसके अलावा कमजोरी महसूस होना, चक्कर आना और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण भी उभरने लगते हैं. शुरुआत में यह लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन समय बढ़ने के साथ इनकी तीव्रता भी बढ़ने लगती है. लू लगने पर अचानक से तेज बुखार होने लगता है. बुखार होने औरशरीर में गर्मी बढ़ने पर भी पसीना नहीं आता. पसीना नहीं आने से शरीर लगातार गर्म होता जाता है और स्थिति गंभीर हो जाती है.
ऐसे करें बचाव
हीट वेव के कारण हर साल कई लोगों की जान चली जाती है. लू लगने पर मरीज को तुरंत छायादार या ठंडी जगह पर लिटाएं. शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडे पानी की पट्टियां रखें. घर में हैं तो कूलर या एसी चालू करें. यदि मरीज बेहोश हो गया है तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं. लू से बचने के लिए संतुलित आहार लें. पूरी बाजू के सूती कपड़े पहने और तेज घूप में बाहर न निकलें. खाली पेट भूलकर भी बाहर न निकलें. खुद को हाइड्रेट रखें.