मुंबई,25 अप्रैल 2025 : EPFO के करोड़ो मेंबर्स को जल्द ही खुशखबरी मिल सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संसद की एक समिति ने प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले की मिनिमम पेंशन 1 हजार रुपए से बढ़ाकर 7500 रुपए करने की मांग की है. केंद्र सरकार ने साल 2014 में EPFO के सब्सक्राइबर्स को मिलने वाली मिनिमम पेंशन को 250 रुपए से बढ़ाकर 1 हजार रुपए प्रति महीना तय कर दिया था.
ट्रेड यूनियनों और पेंशनर्स के संघों की लंबे समय से मांग रही है कि न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर कम से कम 7,500 रुपए प्रति महीने की जाए. इसपर उनका कहना है कि महंगाई बहुत बढ़ गई है, इसलिए पेंशन भी बढ़नी चाहिए. बता दें, पिछले 11 साल में इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है.
2014 के मुकाबले महंगाई में कई गुना बढ़ोतरी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रम संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने केंद्र सरकार से यह आग्रह किया है कि EPFO की कर्मचारी पेंशन योजना EPS के तहत दी जाने वाली न्यूनतम पेंशन बढ़ाया जाए. अभी ये पेंशन 1 हजार रुपए प्रति महीना है. इसपर समिति ने कहा कि 2014 के मुकाबले 2025 में महंगाई कई गुना बढ़ गई है और इसके मुताबिक, पेंशन में बढ़ोतरी भी करने की जरूरत है. समिति ने इसपर आगे कहा कि वित्तीय असर को ध्यान में रखते हुए भी सरकार को पेंशनर्स और उनके परिवार के सदस्यों को देखते हुए इसपर ध्यान देने की जरूरत है.
पेंशन में कितना कटता है पैसा
इसपर समिति ने कहा कि योजना शुरू होने के 30 साल बाद इसका थर्ड पार्टी वैल्यूएशन किया जा रहा है. इसको समिति ने कहा कि इस एक्सरसाइज को एक तय सीमा के अंदर साल 2025 के खत्म होने से पहले पूरा किया जाए. प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों की बेसिक सैलरी पर 12 फीसदी की कटौती EPF खाते के लिए की जाती है. इसके साथ ही कंपनी भी इतना पैसा कर्मचारी के पीएफ खाते में जमा करती है और जो एम्प्लॉयर की तरफ से जमा किए जाने वाले पैसों में से 8.33 फीसदी हिस्सा ईपीएस में जाता है, जबकि बचा हुआ पैसा 3.67 फीसदी हिस्सा EPFमें जाता है.