घटना के 15 दिन बाद हुई FIR पर उच्च न्यायालय की फटकार, पारित किया स्थगन आदेश


रायपुर,14 जनवरी । राजधानी के आज़ाद चौक में गत 21 दिसंबर को हुई मार पीट की घटना सुर्ख़ियों में बनी हुई हैं । इस घटना में छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री वैभव शुक्ला को सर में गंभीर चोट आयी थी । उनकी शिकायत पर थाना आज़ाद चौक में आरोपी सुमित शुक्ला, भावेश शुक्ला, शान्तनु झा, प्रभाकर झा, विनीत पवार एवं अन्य के ख़िलाफ़ धारा 307, 323, 506, 294, 147, 148 के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज की गई थी । घटना के बाद से आरोपीगण फ़रार चल रहे हैं । बताया जाता हैं की आरोपी सुमित शुक्ला को अपना चचेरा भाई कहने वाले आशीष द्विवेदी ने घटना के 15 दिन बाद 5 जनवरी को आज़ाद चौक थाना पहुँच कर सुमित शुक्ला की तरफ़ से शिकायत प्रस्तुत की जिस पर थाना आज़ाद चौक में उल्टे घटना में पीड़ित किसान कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री वैभव शुक्ला, ओबीसी कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री भावेश बघेल, हिमांशु जैन, मितेश लखोटिया के ख़िलाफ़ भी प्राथमिकी दर्ज कर ली गई ।


समझौते का दबाव बनाने की मंशा से हुई मिथ्या शिकायत एवं प्राथमिकी के ख़िलाफ़ वैभव शुक्ला उच्च न्यायालय पहुँच गये । जहां उनकी याचिका याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय बिलासपुर की एकल पीठ ने प्राथमिकी पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही पर स्थगन आदेश पारित किया । साथ ही पुलिस विभाग तथा शिकायतकर्ता आशीष द्विवेदी को फटकार लगाते हुए उन्हें नोटिस जारी किया हैं । मामले की अगली सुनवाई 6 हफ़्ते बाद रखी गई हैं । वैभव शुक्ला के वकील सरफ़राज़ ख़ान ने बताया की वैभव शुक्ला द्वारा आरोपियों पर गंभीर धारा में प्राथमिकी दर्ज करवायी गई थी । आरोपीगण घटना के बाद से फ़रार चल रहे हैं ।

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उनकी अनुपस्थिति में आशीष द्विवेदी नामक शिकायतकर्ता ने घटना के 15 दिन बाद शिकायत की और किसान कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री वैभव शुक्ला, ओबीसी कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री भावेश बघेल, हिमांशु जैन, मितेश लखोटिया के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करवायी । प्राथमिकी में शिकायत देर से प्रस्तुत करने का कारण ‘समझौते के आश्वासन पर से’ अंकित हैं । उच्च न्यायालय के समक्ष हमने दलील रखी की आशीष द्विवेदी द्वारा दर्ज करवायी गई प्राथमिकी पूर्णतः फ़र्ज़ी हैं तथा केवल द्वेषवश वैभव शुक्ला पर समझौते का दबाव बनाने हेतु करवायी गई हैं, जिस पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने पुलिस तथा आशीष द्विवेदी को नोटिस जारी किया हैं तथा ‘no coercive actions shall me taken against the petitioners’ आदेशित करते हुए स्थगन आदेश पारित किया हैं ।