विटामिन और मिनरल हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं. शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए उनकी आवश्यकता होती है. यदि शरीर में उनकी कमी हो जाए तो कई बीमारियां आपको घेरे रखती हैं. लगातार और लंबे समय तक इनकी कमी होने से कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. विटामिन और मिनरल शरीर के कामकाज को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जरूरी होते हैं. सामान्य तौर पर यह हमें भोजन और पानी से प्राप्त होते हैं. कई बार भोजन और पानी में इनकी पर्याप्त मात्रा नहीं होती, जिसके कारण हमें सप्लीमेंट लेने की जरूरत पड़ती है. जानते हैं इनकी कमी होने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है.
शरीर में विटामिन और मिनरल की कमी होने पर लक्षण तुरंत नहीं दिखते हैं. शरीर को इनकीबहुत कम मात्रा में जरूरत होती है. मिनरल में आयरन, कॉपर, आयोडीन, जस्ता, मैग्नीशियम और पोटेशियम शामिल होते हैं. विटामिन में विटामिन ए, बी, सी, डी ई और के होते हैं. विटामिन और मिनरल शरीर में नहीं बनते. यह हमें खाद्य और पेय पदार्थों से ही प्राप्त होते हैं. शरीर में विटामिन और मिनरल की पर्याप्त मात्रा रखने के लिए फल, मेवे, बीज, सब्जियां, मांस और अंडे को आहार में शामिल करना चाहिए.
कमी से होने वाली समस्याएं
शरीर में यदि विटामिन और मिनरल की कमी होती है तो कई तरह की समस्याओं का सामान करना पड़ता है. इनमें थकान, कमजोरी, चिड़चिड़ापन, बाल झड़ना, रूखी त्वचा और मांसपेशियों मेऐंठन हो सकती है. ज्यादा और लंबे समय तक कमी बने रहने से एनीमिया या ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी रहता है। इसके अलावा अवसाद और तंत्रिका तंत्र की भी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए अपने आहार में विटामिन और मिनरल की पर्याप्त मात्रा रखनी चाहिए.
कैसे पता करें
शरीर में विटामिन और मिनरल की कमी का पता करना ज्यादा मुश्किल काम नहीं है. प्रत्यक्ष तौर पर तक शरीर में होने वाले बदलाव से ही इसका पता चल सकता है. यदि पता नहीं चलता है तो टेस्ट करवा सकते हैं. विटामिन और मिनरल कमी का पता करने के लिए रक्त, त्वचा और यूरिन की जांच की जाती है. कई बार लक्षणों के आधार पर इन कमियों का पता नहीं चल पाता है. इसलिए जरूरी है कि हर 6 महीने में इनकी जांच करवाते रहना चाहिए. 40 की आयु के बाद तो नियमित जांच में विटामिन और मिनरल की जांच को भी शामिल करना चाहिए.