जगदलपुर ,12 दिसम्बर । बस्तर के समस्त शैक्षणिक संस्थानों को जनवरी 2023 तक तम्बाकू मुक्त करने जिले के शासकीय एवं गैर शासकीय स्कूलों के प्राचार्यो एवं नोडल शिक्षको के लिये प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। गुण्डाधुर सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में कोटपा एक्ट 2003 के प्रावधानों, दिशानिर्देशो को प्रभावी तरीके से लागू करने की जानकारी दी गयी।
इस सम्बंध में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के साइकोलॉजिस्ट उमा शंकर साहू ने बताया: “तम्बाकू के उपयोग एवं उपभोग को हतोत्साहित करने के लिए विभिन मंचो के माध्यम से जिले में जागरूकता कार्यक्रमो का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS-5) आंकड़ो के अनुसार जगदलपुर में 15 वर्ष से अधिक आयु के महिला एवं पुरुषों में तम्बाकू उपयोग का औसत प्रतिशत 46.1% है, जिसमें 55.8 प्रतिशत पुरुष एवं 36.4 प्रतिशत महिलाएं हैं। इसके अलावा वैश्विक युवा तम्बाकू सर्वेक्षण-4 (GYTS-4) की रिपोर्ट अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में 8 प्रतिशत तम्बाकू उपयोगकर्ता 13 से 15 आयु वर्ग के शाला में अध्यनरत विद्यार्थी हैं। ऐसे में तम्बाकू एवं तम्बाकू उत्पादों के उपयोग पर नियंत्रण करने में विद्यालयों की भूमिका अहम है।“
तम्बाकू नियंत्रण के सम्भागीय समन्यवक प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया” कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले के समस्त शिक्षण संस्थान में ‘टोबैको फ्री एजुकेशन इंस्टीट्यूट’ (TOFEI) की गाईडलाईन को विद्यालय में लागू किया जाएगा। जिसमें कम से कम 90 प्रतिशत मानकों को अनिवार्यतः पूर्ण करने का प्रयास किया जाएगा, जिसके आधार पर स्कूलों को तम्बाकू मुक्त घोषित किया जा सके।”
तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (TOFEI) के मुख्य प्रावधान हैं
● विद्यालय प्रवेश द्वार के पास दीवारों पर “तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान” का बोर्ड अथवा वॉल पेंट सहज अवलोकनीय स्थान पर दर्शाया जाए।
● “विद्यालय परिसर में प्रत्येक मंजिल के विशिष्ट स्थान पर ” धूम्रपान निषेध ” के साथ-साथ “तंबाकू मुक्त क्षेत्र” का बोर्ड/ वॉल पेंटिंग आवश्यक रूप से प्रदर्शित किया जाएगा जिसमें नोडल शिक्षक का नाम एवं सम्पर्क नम्बर अंकित हो।
● शिक्षण संस्थाओं में एक तम्बाकू नियंत्रण कमेटी का गठन किया जाएगा जिसके द्वारा नियमों का पालन हो सके।
● शिक्षण संस्थानों में स्टाफ सदस्य, शिक्षक अथवा विद्यार्थियों को “टोबेको मॉनिटर” के रूप में नामित किया जाएगा। विद्यालय परिसर में मुख्य स्थानों पर टोबेको मॉनिटर के नाम, पद व फोन नंबर अंकित किए जाएगा
● शिक्षण संस्थाओं की कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि विद्यालय परिसर के भीतर अथवा 100 गज के दायरे में किसी भी प्रकार के धुम्रपान / तंबाकू उत्पाद की बिक्री एवं सेवन नहीं हो। संस्था प्रधान इस हेतु स्थानीय समुदाय तथा अभिभावकों की सहायता से उक्त बिक्री पर रोक लगा सकेगी
● विद्यालय परिसर से 100 गज की दूरी का निर्धारण विद्यालय की चार दिवारी के बाहर सभी दिशाओं में किया जाएगा। इसका अंकन करने हेतु शिक्षण संस्था स्थानीय प्राधिकरण के सहायता से करेगी। क्योंकि शिक्षण संस्था के 100 गज के दायरे में तंबाकू बिक्री निषेध का उल्लंघन कोटपा एक्ट 2003 की धारा 6 (ब) के अंतर्गत दंडनीय है। इस हेतु संस्था प्रधान ऐसे व्यक्ति से 200 रूपये की वसूल करने हेतु प्राधिकृत है।
● विद्यालय प्रबंधन विद्यालय परिसर में किसी भी स्थिति में किसी भी व्यक्ति को धूम्रपान/तंबाकू का उपयोग नहीं करने देगा उक्त पर नजर रखने हेतु नो टोबेको यूज आचार संहिता, संस्था स्वयं के स्तर पर तैयार करेगी तथा उल्लंघन पाये जाने पर उक्त आचार संहिता के आधार पर कार्यवाही कर सकेगी।
● कोई व्यक्ति यथा- विद्यार्थी, शिक्षक, अन्य स्टाफ सदस्य, निजी शिक्षण संस्थानों/ सरकारी शिक्षण संस्थानों में अस्थाई रूप से कार्य हेतु आने वाले, बस ड्राईवर, अभिभावक, एसडीएमसी, एसएमसी तथा पीटीएम सदस्य विद्यालय परिसर में धूम्रपान करता हुआ अथवा तम्बाकू तथा तंबाकू उत्पादों का उपयोग या उत्पादों का वितरण करता हुआ पाया जाता है, तो कोटपा एक्ट 2003 के तहत 200 रूपये की शास्ति वसूली जाएगी
● शिक्षण संस्थाएं तंबाकू का उपयोग करने वालों को इस आदत से मुक्त कराने हेतु तम्बाकू नशा मुक्ति केंद्र की सेवाओं का उपयोग लेने हेतु प्रेरित करेगी
शिक्षण संस्थाएं तंबाकू नियंत्रण हेतु निम्नांकित गतिविधियों का संचालन करेंगी :-
● प्रार्थना सभा में तंबाकू के उपयोग के विरूद्ध सामूहिक प्रतिज्ञा लेना।
● विभिन्न प्रतियोगिताएं यथा- पोस्टर/ निबंध / स्लोगन/ क्विज / वाद – विवाद का आयोजन करना तथा उक्त आधार पर बने पोस्टर और स्लोगन को सहज अवलोकनीय स्थानों पर प्रदर्शित करना।
● तंबाकू नियंत्रण हेतु उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्यार्थियों / शिक्षकों / अन्य स्टाफ सदस्यों को प्रशंसा-पत्र प्रदान करना। प्रार्थना सभा तथा बाल सभाओं में स्थानीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों को आमंत्रित कर तंबाकू नियंत्रण हेतु लागू कानूनी प्रावधानों की जानकारी दिलवाना।
● ओरल हेल्थ चेकअप
● विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों के लिये प्रभावी कॉउंसलिंग
● आवश्यकता पड़ने पर इलाज की सुविधा।
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