बिलासपुर, 11 दिसम्बर । हाई कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के बाद दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता ने एसईसीआर रेलवे प्रशासन पर आरोप है कि आरक्षण केंद्र के बाजू में गलत तरीके से दुकान का निर्माण कर कब्जा किया जा रहा है। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया है। अगली सुनवाई के लिए तीन जनवरी की तिथि तय कर दी है। इसके पहले रेलवे जीएम को अपना जवाब पेश करना होगा।
संदीप पांडेय ने अपने वकील के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि रेलवे प्रशासन द्वारा आरक्षण केंद्र के बाजू में दुकान का निर्माण कराया जा रहा है। जिस जगह पर पहले से निर्माण कार्य तय नहीं था वहां जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है। याचिका के अनुसार जिस जगह पर दुकान का निर्माण किया जा रहा है वहां एमएफसी माल का संचालन किया जा रहा है। 15 वर्ष के लिए उसे लीज पर मिला है। माल में पहले से उप किराए पर छोटी दुकानों का संचालन किया जा रहा है।
दुकानों का रास्ता उसी जगह से है जहां रेलवे ने दुकान का निर्माण करा रहा है। यह सब जानबूझकर किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने कहा कि वरिष्ठ वाणिज्य महाप्रबंधक से शिकायत करने और दुकान निर्माण पर रोक लगाने की मांग करने के बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मालूम हो कि दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई पांच दिसंबर को हुई थी। सुनवाई के दौरान रेलवे प्रशासन ने जवाब पेश करने के लिए एक दिन का समय मांगा था। इस पर कोर्ट ने मोहलत दे दी थी। जवाब पेश करने समय देते हुए हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए सात दिसंबर की तिथि तय कर दी थी।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने शिकायत की है कि जवाब पेश करने के लिए रेलवे ने समय मांगा और दिन रात एक कर ठेकेदार के माध्यम से दुकान निर्माण को पूरा करा दिया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि इससे रेलवे की मंशा साफतौर पर समझी जा सकती है। कोर्ट से स्थगन आदेश जारी ना हो इसे देखते हुए रेलवे ने दो दिन में ही दुकान का निर्माण पूरा करा दिया है। याचिकाकर्ता की बातों को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने रेलवे जीएम को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
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