Vedant Samachar

खाद्य विभाग ने फिर पकड़ी नकली पनीर, पूर्व में पकड़ाए सौरभ शर्मा की ही डेयरी से हुई जब्ती, सैंपल लेकर अफसरों ने किया सील…

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रायपुर ,17अप्रैल 2025 (वेदांत समाचार) । प्रदेश की राजधानी रायपुर में नकली पनीर को लेकर पूर्व में की गई कार्यवाही के बावजूद वही कारोबारी फिर से नकली पनीर का धंधा करते हुए फिर से पकड़ा गया है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस बार कारोबारी सौरभ शर्मा के गोकुल नगर स्थित डेयरी से हजार किलो नकली पनीर जब्त किया है।

खाद्य सुरक्षा विभाग के अफसरों ने सूचना मिलने पर डेयरी में छापा मारा और यहां लाकर रखे गए लगभग एक हजार किलो पनीर की जांच की। प्रथम दृष्टया ही पनीर नकली नजर आ रहा था। इस दौरान जांच में सामने आया है कि यह पनीर भोपाल और मुरैना से मंगाया गया है और इसे रायपुर के साथ-साथ छत्तीसगढ़ और ओडिशा में सप्लाई किया जा रहा था। इस डेयरी का संचालक सौरभ शर्मा है, जिसे पिछली बार नकली पनीर की बड़ी खेप के साथ पकड़ा गया था। जानकर बताते हैं कि डालडा, स्कीम मिल्क पाउडर पाम ऑयल को मिलाकर पनीर तैयार किया जाता है।

डेयरी को किया गया सील

अफसरों ने मौके पर पनीर का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया है। फिलहाल रिपोर्ट आने तक डेयरी को सील कर दिया गया है। गौरतलब है कि पिछली बार सौरभ शर्मा से ही खाद्य सुरक्षा विभाग ने 5100 किलो नकली पनीर जब्त किया था। तब विभाग के कार्यालय से 2400 किलो पनीर गायब हो गया था। जब यह मामला ख़बरों की सुर्खियां बना तब गायब पनीर वापस रख दी गई। इस मामले में खाद्य विभाग के एक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था।

मुरैना से आकर छत्तीसगढ़ में कर रहा कारोबार
इस मामले में सौरभ शर्मा के बारे में पता चला है कि वह मूलतः एमपी के मुरैना का रहने वाला है और वह मुरैना में ही नकली पनीर का धंधा किया करता था। एमपी में जब सरकार ने मिलावटखोरों के खिलाफ रासुका लगाने की कार्यवाही शुरू की गई तो इसने छत्तीसगढ़ में आकर यही कारोबार शुरू कर दिया। पता चला है कि सौरभ शर्मा और उसके सिंडिकेट के द्वारा पूरे छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में बड़े पैमाने पर पनीर की सप्लाई की जाती है।

पूर्व के घटनाक्रम और सौरभ द्वारा फिर से शुरू किये गए नकली पनीर के कारोबार के उजागर होने के बाद खुद खाद्य सुरक्षा विभाग के अफसर संदेह के घेरे में हैं। इसमें विभाग की मिलीभगत साफ नजर आ रही है। छत्तीसगढ़ में अमूमन खाद्य सुरक्षा विभाग के अफसर त्योहारों के मौके पर ही सक्रियता दिखाते हैं और छापेमारी करते नजर आते हैं। मिलावटखोरों के खिलाफ छत्तीसगढ़ में भी कड़े कानून हैं, मगर इसकी प्रक्रिया को इतना जटिल बना दिया गया है कि संदेही इसका लाभ उठाकर बच जाते हैं। बहरहाल देखना यह है कि विभाग इस बार भी आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले ऐसे मिलावटखोरों के खिलाफ कार्यवाही के लिए अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करता है या फिर ऐसे लोग फिर से बच के निकल जायेंगे।

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