नई दिल्ली,21फ़रवरी2025: फरीदाबाद स्थित अमृता हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने 12 घंटे तक चली जटिल सर्जरी के जरिये एक 38 साल की महिला को 76 साल की बुजुर्ग के दोनों हाथ जोड़ दिए हैं. एम्स ऋषिकेश में 38 साल की पीएचडी स्कॉलर ट्विंकल डोगरा को करीब दस साल पहले करंट लगने के कारण अपने दोनों हाथ गंवाने पड़े थे. अपने दोनों हाथ पाकर उन्होंने कहा कि मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे कभी अपने दोनों हाथ वापस मिल सकते हैं. बता दें कि 76 वर्षीय महिला डोनर के अंगदान से सिर्फ हाथ ही नहीं कुल पांच लोगों को नया जीवन मिला है. इस दौरान डॉक्टरों ने डबल-हैंड ट्रांसप्लांट के अलावा किडनी ट्रांसप्लांट, कॉर्नियल ट्रांसप्लांट और लंग ट्रांसप्लांट सहित पांच जटिल प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. इस ऐतिहासिक सर्जरी के बाद अमृता हॉस्पिटल उत्तर भारत में डबल-हैंड ट्रांसप्लांट करने वाला पहला हॉस्पिटल बन गया है.
अमृता हॉस्पिटल के प्लास्टिक और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. मोहित शर्मा ने बताया कि यह मल्टी-ऑर्गन ट्रांसप्लांट भारत के मेडिकल इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है. हैंड ट्रांसप्लांटेशन बहुत जटिल प्रक्रिया है, जिसमें हाई-लेवल इम्युनोसप्रेशन की आवश्यकता होती है. डोनर की उम्र 76 वर्ष थी, लेकिन मेडिकल जांच में उनके अंगों को स्वस्थ पाया गया. इससे यह साबित होता है कि उम्र अंगदान के लिए कोई बाधा नहीं होती. यह सफलता बुजुर्गों को अंगदान के लिए प्रेरित करने वाली है. गौरतलब है कि इस ऐतिहासिक ऑपरेशन में नेफ्रोलॉजी, ओफ्थल्मोलॉजी और क्रिटिकल केयर की चार अलग-अलग सर्जिकल टीमों ने मिलकर काम किया.