एक महीने से बंटवारा-नामांतरण के लाखों प्रकरण लंबित, जिम्मेदार बेपरवाह…

रायपुर , 21 नवंबर । मुख्यमंत्री बघेल ने निर्देशित किया था कि राजस्व के प्रकरणों में कोई भी विलंब नहीं होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने बकायदा अपने भेंट-मुलाकात कार्यक्रमों में अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कड़े निर्देश भी दिए। लेकिन इसे जिम्मेदारों की लापरवाही कहें, या उनकी आदत, राजधानी में ही मुख्यमंत्री के निर्देशों की भरी अवहेलना हो रही है।



हम बात कर रहे हैं रायपुर के तहसील कार्यालय की, जहां रोजाना कई राजस्व प्रकरण आते है, लेकिन पिछले एक महीने से यहां नामांतरण और बंटवारा के प्रकरणों का निराकरण नहीं हो रहा है। इस मामले में वीएनएस ने जब अधिवक्ता ऋतु बुंदेला से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि हुआ कि राजस्व विभाग के भुइंया पोर्टल में नामांतरण और बंटवारे प्रकरणों का ऑनलाइन निराकरण नहीं हो रहा है। पोर्टल से अ/6 नामांतरण और अ/27 बंटवारा का कोड हटा दिया गया है। इसकी वजह से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

आगे उन्होंने बताया कि भुइँया पोर्टल में नामांतरण और बंटवारे के मामलों का ऑनलाइन निराकरण होता था। मामलों को ऑनलाइन दर्ज करके निराकरण कर पटवारी को इसका आर्डर भेजा जाता था। और फिर पटवारी उनको दुरुस्त करता था। लेकिन एनआईसी ने इस पोर्टल से दोनों कोर्ट को हटा दिया है, और कहा जाता है कि इस प्रकरण को पटवारी के पास पेश करो। मजे की बात यह है कि तहसीलदार का मामला पटवारी के पास भेजा जा रहा है, जिसके पास कोई न्यायालीयन क्षेत्र अधिकार ही नहीं है। इसका उल्लेख राजस्व संहिता में भी है। इस समस्या के चलते न तो पटवारी नाम चढ़ा पा रहा है, और न ही कोई सुधार कर पा रहा है।

इस मामले में अगर देखा जाए तो सबसे बड़ी जिम्मेदारी एनआईसी की है, जिसके पोर्टल से अ/6, अ/27 कोड हटा दिए गए हैं। अब इन दोनों कोड को क्यों हटाया गया है यह तो सिर्फ भू-अभिलेख संचालक रमेश शर्मा ही बता सकते है। ज्ञात हो कि आईएएस रमेश शर्मा रायपुर एसडीएम भी रह चुके हैं, और इन मामलों से वाकिफ भी हैं। अब इसे लापरवाही कहें या नौकरशाहों की आदत, खामियाजा तो आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है…

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