बीमारी की गंभीरता और मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता से 12.50 लाख की मिली थी स्वीकृति
जांजगीर-चाम्पा 21 नवंबर | खेती किसानी से अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले किसान शिवनंदन कश्यप के घर जब शिवांश ने जन्म लिया तो परिवार में सभी की खुशियां कई गुनी बढ़ गई। शिवांश के बढ़ते उम्र के साथ उनके माता-पिता के आंखों में अनेक ख्वाब भी सजने लगे। अभी शिवांश को महज दो साल ही हुए थे। ठीक से बोलना और नन्हें कदमों से पूरी तरह से चलना भी नहीं आया था कि एक दिन उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। शिवांश ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहा था। अचानक शिवांश की सांसे अटकती देख, परिवार के सभी सदस्य सहम गये। उपचार के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक दौड़ लग गई। आखिरकार जांच में जब मालूम हुआ कि मासूम के दिमाग की नसों में समस्या हैै, तो मानों शिवांश की तरह माता-पिता की भी सांसे अटकने लगी। शिवांश के उपचार में 12 लाख रूपये से अधिक लगना बताया गया। इतनी बड़ी राशि जुटा पाना परिवार के लिए मुनासिब न था। शिवांश की जिंदगी की आस और उसके इलाज के लिए पैसों की तालाश में भटक रहे परिवार को जब मालूम हुआ कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने गंभीर और जरूरतमंद परिवारों के लिए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना लागू की है, जिसमें अधिकतम 20 लाख की राशि उपचार के लिए प्रदान की जाती है, तो इन्होंने भी अपना आवेदन दिया। यह बीमारी की गंभीरता और मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता ही थी कि महज तीन दिन में राशि स्वीकृत होने के साथ शिवांश का उपचार प्रारंभ हो गया। अब शिवांश ठीक होकर सामान्य बच्चों की तरह सामान्य भी हो गया है तो उनके परिजन भी मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से मिली राशि के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताना नहीं भूलते।
जांजगीर-चांपा जिले के निवासी शिवनंदन कश्यप ने अपने पुत्र शिवांश कश्यप के हुए इलाज के विषय में बताया कि अचानक से तबीयत खराब हो जाने के बाद जांजगीर से, बिलासपुर फिर रायपुर तक चक्कर काटना पड़ा। रायपुर में गहन जांच में पता चला कि दिमाग के नसों में जटिल समस्याएं हैं और इसे ठीक करने तत्काल ऑपरेशन भी करना पड़ेगा। सर्जरी में 12 लाख रुपये खर्च की बात और घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से उन्हें बहुत दिक्कतों का समाना करना पड़ा। इस बीच प्रदेश में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना लागू होने और गंभीर तथा दुर्लभ बीमारियों का उपचार इस योजना से हो जाने की जानकारी मिलने के बाद फार्म भरकर मुख्यमंत्री निवास में जमा किया। मुख्यमंत्री ने बच्चे की स्थिति को देखते हुए आवेदन पर तत्काल कार्यवाही करते हुए 3 दिन के भीतर अस्पताल में इलाज के लिए 12.50 लाख की राशि स्वीकृत की।
खेत बेचने की सोंच रहा था पिता
अपने बेटे के इलाज के लिए बहुत मशक्कत कर रहे पिता शिवनंदन ने अपनी खेत बेचने की भी तैयारी कर ली थी। उन्होंने बताया कि यदि प्रदेश में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता जैसी बड़ी योजना लागू न होती तो उनके लिए सिवाय खेत बेचकर उपचार कराने के अलावा कोई अन्य विकल्प भी नहीं था। ऐन वक्त पर सर्जरी के लिए योजना से राशि का इंतजाम हो जाने से उसके बेटे को एक नई जिंदगी तो मिली ही, इसके साथ व कर्ज और गरीबी के बोझ में लदने से भी बच गया।
आभार के बदले मिला मुख्यमंत्री का दुलार
अपनी सरकार की योजनाओं का धरातल पर क्रियान्वयन को जानने विगत कई माह से भंेट- मुलाकात कार्यक्रम के बहाने प्रदेश के हर इलाकों में पहुंच रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब जांजगीर-चाम्पा जिले के कार्यक्रम में आये थे तो ग्राम सिवनी के कार्यक्रम में शिवनंदन का परिवार शिवांश के साथ मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना लागू किये जाने और विपरीत समय में बड़ी राशि उपलब्ध कराने के लिये आभार व धन्यवाद देने पहुंचा था। इस बीच जब मुख्यमंत्री ने शिवांश को गोद में लेकर दुलारा तो लोगों ने खूब तालियां बजाई। राज्य सरकार की योजना से मासूम बच्चे को मिली नई जिंदगी और परिवार की खुशी को देख सभी भावुक सा हो गये थे।
सवा तीन करोड़ रूपये से अधिक की मिली स्वीकृति
विपरीत परिस्थितियों में दुर्लभ व गंभीर बीमारियों के इलाज के लिये प्रदेश में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना संचालित की जा रही है। इस योजना में पात्र परिवारों को अधिकतम 20 लाख तक की राशि उपचार हेतु प्रदान की जा रही है। छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है, जो इतनी बड़ी राशि अपने राज्य के नागरिकों के इलाज हेतु प्रदान कर रहा है। योजना में लीवर, किडनी, हृदय, फेफडों का प्रत्यारोपण जैसी अनेक दुलर्भ बीमारियों को शामिल किया गया है। जांजगीर चांपा जिले में इस योजना से हितग्राहियों के उपचार हेतु राशि रू. 3,25,66,443 की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। वहीं बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना भी लागू है। जिसमें सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना अंतर्गत निर्धारित वंचित श्रेणी के परिवार तथा अन्त्योदय व प्राथमिकता के क्रियाशील राशन कार्डधारी परिवारों को प्रतिवर्ष (फैमिली फ्लोटर आधार पर) प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक के निःशुल्क उपचार प्रदाय किया जा रहा है। अभी तक जांजगीर चांपा जिले के 6,54,861 नागरिकों को लाभान्वित किया जा चुका है। जिले के संवेदनशील कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशन में जिले के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।
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