कांग्रेस को फायदा दिलाने नहीं बल्कि भारत को एकजुट करने के लिए राहुल गांधी की यात्रा : विस अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत

0 लोकतंत्र को अक्षुण्ण रखने वाले तमाम लोग जुड़ रहे भारत जोड़ो यात्रा से

कोरबा,17 नवंबर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस को फायदा दिलाने के लिए नहीं बल्कि भारत की एकता और अखंडता को मजबूत करने के लिए है। कोरबा प्रवास पर पहुंचे स्पीकर डॉ. महंत ने कहा कि भारत में पिछले वर्षों में जो परिस्थितियां बनी है, उससे हमारी एकता, अखंडता और भाईचारा खतरे में है। बच्चों का भविष्य अंधकारमय है। जाति, समुदाय, धर्म के नाम पर लड़ाया जा रहा है। इससे भारत खोखला होते जा रहा है जिसे मजबूत करने के लिए भारत जोड़ो यात्रा शुरू की गई है। इसमें सिर्फ कांग्रेसी ही नहीं बल्कि ऐसे लोग जो भारत के लोकतंत्र को इक_ा रखना चाहते हैं, लोकतंत्र को अक्षुण्ण रखना व भाईचारा बनाए रखना चाहते है, ऐसे तमाम पार्टी के लोग साथ चल रहे हैं।

यह पार्टी विशेष का कार्यक्रम नहीं बल्कि भारत के भविष्य के लिए राहुल गांधी की अंतआर्त्मा की आवाज है। वे पैदल चल कर लोगों के दु:ख-दर्द को समझ रहे हैं। उनके आंसू पोछ रहे हैं। वे जानना चाह रहे हैं कि मूल समस्या क्या है और इसे कैसे दूर कर सकते हैं। डॉ. महंत ने कहा कि हर प्रदेश के अंतर्गत ब्लाक व जिलों में भारत जोड़ो यात्रा निकाले जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत समस्त कांग्रेस पदाधिकारी, कार्यकर्ता और भारत को एकजुट रखकर अखंड बनाने वाले लोग कस्बों में पहुंच कर भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य बता रहे हैं। लोगों को बताया जा रहा है कि भारत अभी मूल रूप से खतरे में है जिसे बचाने के लिए एकजुट होना जरूरी है। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष के साथ महापौर राजकिशोर प्रसाद, सुरेश सहगल, पार्षद दिनेश सोनी, अभिषेक बाजपेयी सहित अन्य कांग्रेसी उपस्थित थे।

विधानसभा का विशेष सत्र 1 व 2 दिसंबर को


स्पीकर डॉ. महंत ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने हेतु पत्र लिखा है। इसके लिए उनके आग्रह को स्वीकार पत्र अनुसार 1 व 2 दिसंबर को सत्र बुलाया गया है। इसके लिए राज्यपाल ने भी अनुशंसा कर दी है और नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के मन में आरक्षण समाप्त हो जाने का भय व्याप्त हो गया है जबकि छत्तीसगढ़ विधानसभा तन-मन-धन से उनके साथ है और इस संबंध में प्रस्ताव राज्य सरकार की ओर से केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा।

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