गरियाबंद। जिला राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिले में तम्बाकू उत्पाद के उपयोग को कम करने व रोकथाम करने व कोटपा एक्ट 2003 के सुनिश्चितिकरण की दिशा में मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.सी. उरॉव व जिला कार्यक्रम प्रबंधक सोनल ध्रुव के मार्गदर्शन में ब्लूम्बर्ग एक पहल द यूनियन संस्था के सहयोग से जिला स्तर पर अन्तर विभागीय प्रशिक्षण व कार्यशाला का आयोजन 20 अक्टूबर को जिला पंचायत के सभा कक्ष में किया गया है। जिसमें जिले के 12 विभागों के प्रतिभागी उपस्थित रहें।
जिले में तम्बाकू के प्रति जागरूकता लाने तथा जिलें को तम्बाकू मुक्त बनाने की दिशा में कोटपा एक्ट 2003 के अंतर्गत धारा- 04 (सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध) व धारा 06 ( शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे पर तम्बाकू उत्पाद विक्रय निषेध, 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तम्बाकू उत्पाद की खरीद व बिक्री पर रोक) पर जानकारी प्रदान किया गया। जिले के शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों को तम्बाकू के सेवन व उनके दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक करना, शासकीय संस्थानों के 100 गज के दायरे में येलो लाईन कैम्पेन किया किये जाने संबंधी जानकारी प्रदान किया गया। तम्बाकू सेवन से मुंह का कैंसर होता है, दांत खराब होते है, आँखे कमजोर होती है, हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है तथा उच्च रक्तचाप की समस्या होती है। तम्बाकू व धुम्रपान के सेवन से इंसान का फेफड़ा खराब हो जाता है तथा नपुंसकता का खतरा बढ़ जाता है। उक्त प्रशिक्षण में द यूनियन संस्था के विलेश रावत व स्वास्थ्य विभाग से राजेन्द्र प्रसाद निराला, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट (एनएमएचपी), पोखराज साहू, सोशियल वर्कर (एनटीसीपी) द्वारा प्रशिक्षक कार्य संपादन किया गया।
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