कोरबा,09 अप्रैल 2025 (वेदांत समाचार)। जिले के दीपका खदान क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें विभागीय वाहनों के चालकों को कम वेतन दिए जाने और पीएफ में हेराफेरी के आरोप लग रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, चालकों को निर्धारित वेतन 20 हजार रुपये प्रति माह के मानक के बावजूद पूरा भुगतान नहीं किया जा रहा है।
चालकों की शिकायत
चालकों ने बताया कि उन्हें नकद में केवल 8 से 10 हजार रुपये दिए जा रहे हैं, जबकि उनके बैंक खातों में अधिक राशि दिखाई जा रही है। यह राशि किसी अन्य व्यक्ति के खाते में जमा की जा रही है, जिससे विभाग को दस्तावेज दिए जा रहे हैं।
नियमों की अनदेखी
जांच में यह भी सामने आया है कि जहां 12 घंटे की शिफ्ट में दो चालकों की जरूरत होती है, वहां सिर्फ एक चालक से काम लिया जा रहा है। और 24 घंटे के लिए लगे वाहनों में भी तीन चालक देने की जगह, एक या दो चालकों से ही काम कराया जा रहा है। इससे वाहनों की रीडिंग में भी हेराफेरी हो रही है और हर महीने करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा रहा है।
क्या होगी कार्रवाई?

जब इस मुद्दे पर हमने एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के अधिकारियों से बात करनी चाही, तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। जांच की बात कही गई, लेकिन क्या वाकई होगी जांच? एसईसीएल दीपका क्षेत्र की खदानों में ठेका पद्धति पर चल रहे चार पहिया वाहनों से जुड़ा यह मामला गंभीर है और इसकी जांच होनी चाहिए।
जांच की मांग
एसईसीएल के इस घोटाले की जांच की मांग को लेकर स्थानीय लोगों और चालकों ने विरोध प्रदर्शन किया है। उनका कहना है कि जब तक इस मामले की जांच नहीं होगी, तब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा।
सरकार की भूमिका
सरकार को भी इस मामले में ध्यान देना चाहिए और एसईसीएल के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। अगर सरकार इस मामले में ध्यान नहीं देती है, तो यह घोटाला और भी बड़ा हो सकता है।