जम्मू ,03अक्टूबर। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की सियासत को धार देने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सोमवार से जम्मू कश्मीर दौरे पर आ रहे हैं। वह भारत-पाक नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे राजौरी और बारामुला जिलों में दो जनसभाएं करेंगे। इससे पूर्व वह माता वैष्णो देवी के दर्शन भी करने जाएंगे।
कई विकास कार्यों की नींव रखने और उद्घाटन करने के अलावा शाह अलग-अलग प्रतिनिधिमंडलों से भी मिलेंगे। प्रदेशभर में सुरक्षा प्रबंध कड़े कर दिए हैं। वहीं अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती करने के साथ विशेष नाके लगाए हैं। रविवार जम्मू में पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक कर सुरक्षा इंतजाम का जायजा लिया।
आज सोमवार शाम साढ़े पांच बजे विशेष विमान से जम्मू पहुंच रहे शाह मंगलवार सुबह महानवमी के दिन कटड़ा में श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन करेंगे। वहीं से हेलीकाप्टर में राजौरी के लिए रवाना हो जाएंगे। इसके बाद जम्मू में कन्वेंशन सेंटर में कई विकास कार्यों की नींव रखने और उद्घाटन करेंगे। पांच अक्टूबर को दशहरे पर कश्मीर के बारामुला में जनसभा को संबोधित करेंगे। जम्मू पहुंचने के बाद रात को राजभवन में गृहमंत्री प्रतिनिधिमंडलों से भेंट भी करेंगे।
गृहमंत्री के सुरक्षित दौरे को लेकर किए हैं प्रबंध :
उपराज्यपाल प्रशासन ने गृहमंत्री के सुरक्षित दौरे को लेकर प्रबंध किए हैं। जम्मू, कटड़ा, राजौरी व बारामुला जिलों में तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए प्रदेश प्रशासन ने आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। कमेटी में जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को जिम्मेदारियां दी हैं। श्रीनगर में शाह उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
नागरिक प्रशासन, पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और जम्मू–कश्मीर और केंद्र की खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। गृहमंत्री अपने दौरे के दौरान भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति और पार्टी मामलों पर चर्चा करेंगे।
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राजनीतिक रूप से अहम है दौरा :
गृहमंत्री शाह पांच अक्टूबर को शाम को नई दिल्ली लौट जाएंगे। राजौरी और बारामुला में जनसभाएं भाजपा के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। हालांकि, जम्मू–कश्मीर में 2022 में विधानसभा चुनाव की कोई संभावना नहीं है, लेकिन अगले वर्ष मार्च–अप्रैल में संभावित विधानसभा की तैयारियों में भाजपा अभी से जुट गई है। अमित शाह राजौरी दौरे के दौरान पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की घोषणा कर सकते हैं। इससे भाजपा पहाड़ी भाषी समुदाय के वोट बैंक में सेंध लगा सकती है। जम्मू और कश्मीर में दोनों पहाडिय़ों की काफी आबादी है। दूसरी ओर भाजपा ने गुज्जर समुदाय के नेता गुलाम अली खटाना को राज्यसभा के लिए नामित कर संसद में गुज्जर और बक्करवाल समुदाय को प्रतिनिधित्व दिया। यह भाजपा के मिशन 50 प्लस के लिए अहम माना जा रहा है।
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