सफलता की कहानी : बिहान योजना से बदली तकदीर : उमा कुमारी बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल

सूरजपुर। जिले के प्रेमनगर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत नमना की उमा कुमारी आज अपने गाँव की महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं। कभी कृषि और दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर रहने वाली उमा कुमारी की पहचान अब एक सफल व्यवसायी के रूप में हो चुकी है। यह बदलाव संभव हो पाया राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ योजना की बदौलत।

स्वयं सहायता समूह से जुड़ने से पहले उमा कुमारी कृषि और दिहाड़ी मजदूरी से सालाना कुल लगभग 60,000 रुपये की आय अर्जित करती थीं, जिससे घर चलाना भी मुश्किल था। आमदनी सीमित होने के कारण वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं थीं और जीवन कई प्रकार की चुनौतियों से भरा हुआ था।

ग्राम पंचायत में ‘बिहान’ योजना के तहत ग्राम पंचायतों में जब सी.आर.पी. राउंड में जानकारी दी गई, तो उमा कुमारी को यह एक नया रास्ता दिखा। प्रेरणा लेकर उन्होंने अन्य 10 महिलाओं के साथ मिलकर ‘सूरज महिला स्वयं सहायता समूह’ का गठन किया। समूह से जुड़ने के बाद उन्हें 50,000 रुपये का सी.आई.एफ. तथा 40,000 रुपये का बैंक लिंकेज प्राप्त हुआ।

इस पूंजी का उपयोग कर उमा कुमारी ने फोटोकॉपी मशीन खरीदी और एक किराना दुकान की शुरुआत की। धीरे-धीरे उन्होंने व्यवसायिक कौशल को आत्मसात करते हुए अपने व्यापार को बढ़ाया। आज उनकी दुकान में प्रतिदिन लगभग 3,000 रुपये की बिक्री होती है, जिससे उन्हें रोजाना 400 रुपये की शुद्ध आय हो रही है।

इसे उन्होंने आत्मनिर्भरता की ओर कदम बताया। अब उमा कुमारी कहती हैं कि वे न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं, बल्कि उन्होंने अपने परिवार की स्थिति भी सुदृढ़ कर ली है। वह आत्मविश्वास से परिपूर्ण हैं और अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा और जीवन प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि सही मार्गदर्शन और अवसर मिले तो ग्रामीण महिलाएं भी सफलता की ऊंचाइयों को छू सकती हैं।