Chhattisgarh News : आखिरकार आजादी के 75 साल बाद अंतागढ़ पहुंची ही गई ट्रेन, खुशी से झूम उठे लोग, रेलगाड़ी देखने उमड़ी भीड़

Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)के नक्सल प्रभावित कांकेर(Kanker) जिले के एक छोटे से कस्बे अंतागढ़ (Antagarh)के निवासियों को आजादी के 75 साल बाद यात्री ट्रेन की सुविधा मिल गई है। जब शनिवार को पहली बार कोदल्ली राजहरा से भानुप्रतापपुर-केवटी (Route from Kodalli Rajhara to Bhanupratappur – Keoti – Delhi Metro)होते हुए यात्री ट्रेन अंतागढ़ पहुंची तो वहां मौजूद लोग खुशी से झूम उठे।

भाजपा सांसद मोहन मंडावी ने ट्रेन को दिखाई हरी झंडी
अंतागढ़ अब छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से जुड़ गया है। रायपुर और दुर्ग से केवती तक एक विशेष यात्री ट्रेन का मार्ग अंतागढ़ तक बढ़ा दिया गया है। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि कांकेर से भाजपा सांसद मोहन मंडावी ने दोपहर एक बजकर 35 मिनट पर अंतागढ़ स्टेशन से ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कहा कि अंतागढ़ रेलवे स्टेशन पर कांग्रेस विधायक अनूप नाग, पूर्व सांसद विक्रम उसेंडी और रेलवे और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के अधिकारी भी मौजूद थे।

पहले दिन बिके 144 टिकट
उन्होंने कहा कि पहले दिन अंतागढ़ स्टेशन पर 144 टिकट बिके। यह ट्रेन प्रतिदिन रायपुर से सुबह 09:15 बजे प्रस्थान करेगी और दोपहर 01:25 बजे अंतागढ़ पहुंचेगी। यह अंतागढ़ से दोपहर 01:35 बजे प्रस्थान करेगी और शाम 04:40 बजे दुर्ग पहुंचेगी।

दल्लीराझारा-रावघाट-जगदलपुर रेल परियोजना के पहले चरण के तहत दल्लीराझारा से रावघाट तक 95 किलोमीटर ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है। रायपुर रेल मंडल के वरिष्ठ प्रचार निरीक्षक शिव प्रसाद ने बताया कि अंतागढ़ तक 59 किलोमीटर लंबे मार्ग पर अब एक यात्री ट्रेन सेवा शुरू हो गई है। पहले इस रूट पर रायपुर से 42 किलोमीटर दूर केवती गांव तक ट्रेन सेवा थी। अंतागढ़ केवती से 17 किमी आगे है।

खुलेंगे उद्यम के द्वार
उन्होंने कहा कि यह रेल परियोजना छत्तीसगढ़ सरकार, राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी), स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) और रेलवे के बीच एक संयुक्त उद्यम के साथ उत्तर बस्तर क्षेत्र में आर्थिक विकास के द्वार खोलेगा। साथ ही अधिकारी ने कहा कि परियोजना के पूरा होने पर बस्तर क्षेत्र के नारायणपुर और कोंडागांव को दुर्ग और राज्य के अन्य प्रमुख शहरों के जरिए रेल मार्ग से रायपुर से जोड़ा जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह स्थानीय लोगों के लिए परिवहन सुविधा प्रदान करने के अलावा उत्तरी बस्तर में माओवादियों के गढ़ में स्थित रावघाट माइंस से लौह अयस्क के परिवहन की अनुमति देगा। वहीं सुरक्षा के लिए एसएसबी की दो बटालियनों को 2016 से विशेष रूप से परियोजना की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। अंतागढ़ वासियों ने रेलवे के आने की सराहना की।

स्थानीय लोगों ने बताया ऐतिहासिक दिन
इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल की दुकान चलाने वाले नीलकंठ साहू ने कहा कि वह काम के लिए हफ्ते में दो बार यात्रा करते हैं, और ट्रेन सेवा उनके लिए इसे और अधिक सुविधाजनक बना देगी। एक अन्य स्थानीय निवासी हेमंत कश्यप ने कहा कि वह 2020 में ट्रायल रन होने के बाद से अंतागढ़ से ट्रेन की मांग कर रहे थे। यह हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।