दर्री सीएसईबी लाल मैदान में मनाया गया भोजली उत्सव कार्यक्रम

संतोष गुप्ता कोरबा 13 अगस्त (वेदांश समाचार) भोजली उत्सव 2022लाल मैदान एच टी पी एस दर्रीछत्तीसगढ़ के हरियाली पर्व भोजली का भव्य आयोजन लाल मैदान दर्री में संपन्न हुआ.सर्व प्रथम मुख्य अतिथि श्रीमती एस के कटियार एवं अन्य उपस्थित अतिथियों के द्वारा माँ भोजली की आराधना दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया,अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्क्ष, रूमाल एवं श्रीफल से किया गया. गणेश संगीत कला निकेतन के कलाकारों द्वारा स्वागत गीत पश्चात सुंदर भोजली गीत का गायन किया गया. तदोपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें अंचल के विभिन्न महिला मंडल एवं विद्यालय के बच्चों ने भाग लिया सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत भोजली गीत गायन में प्रथम पुरष्कार शारदा महिला मंडल जमनीपाली एवं द्वीतीय पुरष्कार जागृति महिला मंडल एच.टी.पी.एस दर्री तथा तृतीय पुरस्कार नेहा राठौर एवं मिली प्रसाद को दिया गया लोक नृत्य के अंतर्गत विद्युत गृह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्राओं को सुंदर करमा नृत्य प्रस्तुति के लिए प्रथम पुरस्कार दिया गया
भोजली प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार सुनीता यादव द्वितीय पुरस्कार मेदनी यादव, तृतीय पुरस्कार ऊषा मेहरा के साथ नेहा यादव, मंजुला वैष्णव, मीना राठौर को सांत्वना पुरस्कार दिया गया
भोजली हेतु जौ वितरण सनत पैकरा के द्वारा विगत 22 वर्षों से किया जा रहा है. भोजली प्रतियोगिता में पुरस्कार प्रदान करने के लिए राशि स्वर्गीय शांति लाल गौतम की स्मृति में उनकी पत्नी वृहस्पति गौतम के द्वारा अनवरत रूप से प्रदान किया जाता है मती प्रतिभा साहू के द्वारा समिति को प्रति वर्ष सहयोग राशि प्रदान किया कार्यक्रम में मंच संचालन पंचम राठौर के द्वारा
. भोजली उत्सव समिति के अध्यक्ष श्री मती सरिता गुप्ता , संरक्षक सुरेश सोनी संयोजक मनीष श्रीवास्तव, सह संयोजक हितेश पाल, अरूण दास वैष्णव गुरूजी, सचिव दुखुराम साहू, के के गौतम, नत्थू लाल यादव, रामधन राठौर, सनत पैकरा, अनिल गुप्ता, एवं सभी सदस्यों का सहयोग प्राप्त हुआ
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती के के डोंगरे, मती ए के दत्ता, श्री मती ए के सिन्हा, श्री मती के सी अग्रवाल, श्रीमती पी के दुर्गे, डा. मंजूला साहू आमंत्रित थे. भोजली प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में श्री मती एस के सोनी, श्री मती एच सिंह, मती ए के नेमा मती ए देशमुख ने अपनी भूमिका निभाई.अंत में अरूण दास वैष्णव गुरूजी ने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग प्रदान करने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया.