छत्तीसगढ़ में वन क्षेत्र के संरक्षण के लिए हमने हर संभव प्रयास किया : भूपेश बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री बघेल शुक्रवार की सुबह अपने निवास कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए वर्ल्ड इकोनामिक फोरम के कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक छत्तीसगढ़िया होने के नाते प्रकृति के प्रति सम्मान और श्रद्धा हमारे खून में है।  राज्य के 42 प्रतिशत हिस्से में वन क्षेत्र है।  और हम साल दर साल 3 से 5 प्रतिशत तक वनावरण बढ़ा रहे हैं।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमने अपने राज्य में वन क्षेत्र के संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास किया है।  उदाहरण के लिए, हमारी प्रमुख योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बारी कार्यक्रम पर विचार करें तो इसके मूल में पारिस्थितिक संरक्षण है।  हमने अपने प्राकृतिक जलस्त्रोतों को रिचार्ज करने, भूमि को संरक्षित और अर्जित करने के लिए जैविक माध्यमों का उपयोग करने के साथ ही स्थानीय जनसमुदाय के बाहरी स्थानों पर प्रवास को कम करने के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया है।

हमारे द्वारा किए जा रहे प्रकृति आधारित कार्य का आर्थिक मूल्य हमे किस प्रकार मिले, इस सोच के साथ इस दिशा में कार्य किया जा रहा है।  विशेष रूप से छत्तीसगढ़ की सशक्त महिलाएं स्वसहायता समूहों के माध्यम से स्थानीय वन उत्पादों पर आधारित सामग्रियों के उत्पादन और बिक्री के लिए लगातार काम कर रही हैं।  छत्तीसगढ़ में औषधीय पौधे प्रचुर मात्रा में हैं और इनमें अपार संभावनाएं हैं।

वन ट्रिलियन ट्री अभियान के अंतर्गत वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के परिचर्चा में मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश में वन संसाधनों को बढ़ावा देने और पर्यावरण को संरक्षित करने के प्रयासों पर अपनी बात रखी। इस परिचर्चा में छत्तीसगढ़ में पर्यावरण संरक्षण को लेकर किए जा रहे कार्यों की तारीफ हुई। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमारे वनक्षेत्र की रक्षा का कार्य जारी रहे, इसलिए हम वन क्षेत्र के भीतर रहने वाले वनवासियों को  इसका पर्याप्त आर्थिक मूल्य मिले, इस दिशा में प्रयासरत हैं।  और इसलिए, मैं उम्मीद कर रहा हूं कि आज की बातचीत के द्वारा हम एक सर्वोत्तम मॉडल का पता लगाने में सफल होंगे जहां हम वनों के रखरखाव को प्रोत्साहित करना प्रभावी ढंग से जारी रख सकते हैं।