प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी करने वाले अस्पतालों को यह पता नहीं था कि उन पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) की भी नजर है। वह गड़बड़ी करते रहे और एआइ सिस्टम उनकी कारगुजारियों को परखता रहा। इसके बाद ऐसे अस्पतालों को चिह्नित कर दिया जहां गड़बड़ी की आशंका थी। संकेत मिलने पर राज्य में आयुष्मान भारत योजना का संचालन करने वाली स्टेट हेल्थ एजेंसी (एसएचए) ने भी इन अस्पतालों पर नजर रखना शुरू किया। फीडबैक लिया। यह भी देखा गया कि काल सेंटर में इन अस्पतालों के खिलाफ कितनी और किस तरह की शिकायतें आईं।
इसी आधार पर पिछले महीने प्रदेश के 57 अस्पतालों में डाक्टरों की टीम बनाकर छोपेमारी की गई। इनमें 28 अस्पतालांें में गड़बड़ी मिली है। एआइ सिस्टम देश में इस योजना का संचालन करने वाली नेशनल हेल्थ अथारिटी ने तैयार किया है। यह देशभर में नजर रखता है। एसएचए ने भोपाल में तीन ऐसे अस्पतालों को भी पकड़ा है, जिन्होंने बिना मरीज भर्ती किए ही फर्जी नाम से दस्तावेज तैयार किए और योजना के तहत भुगतान मांग लिया। एसएचए द्वारा गठित चिकित्सकों के दल को अस्पताल द्वारा भर्ती बताए गए मरीज मिले ही नहीं। तीनों अस्पतालों पर अब एफआइआर दर्ज कराने की तैयारी है।
इस तरह की गड़बड़ी पकड़ रहा एआइ
-किसी मरीज को अस्पताल में बार-बार भर्ती किया गया हो।
– एक ही परिवार के कई सदस्य किसी अस्पताल में भर्ती हो रहे हों।
– साधारण बीमारी के लिए भी किसी मरीज को ज्यादा दिन के लिए भर्ती किया गया हो।
-किसी मरीज को गंभीर बीमारी बताई गई हो, लेकिन अस्पताल से उसकी हफ्तेभर पहले ही छुट्टी कर दी गई हो।
– मरीज को एक बीमारी कई बार होने की जानकारी चिकित्सकीय दस्तावेज में दर्ज हो।
– मरीज को जो बीमारी बताई गई वह उसकी जांच रिपोर्ट्स और अन्य दस्तावेजों से ठीक से साबित नहीं हो रही हो।
इस तरह मिलती है गड़बड़ी करने वालों की जानकारी
एसएचए के अधिकारियों ने बताया कि संदिग्ध केसों को एआइ की मदद से फ्लैश किया जाता है। यह काम नेशनल हेल्थ अथारिटी में नेशनल एंटी फ्राड यूनिट करती है। इन्हें फ्लैश्ड केस कहा जाता है।
वर्जन
अभी हमने जिन अस्पतालों में गड़बड़ी पकड़ी है उनमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से बड़ी मदद मिली है। संदिग्ध्ा मामले एनएचए द्वारा चिह्नित कर बताए जाते हैं।
अनुराग चौधरी, सीईओ, आयुष्मान भारत योजना
यहां करें शिकायत
-18002332085
-14555
0755-2762582
प्रदेश में अब तक बने आयुष्मान कार्ड-2.77 करोड़
अब तक कितने मरीजों को मिला लाभ- 17.27 लाख
प्रदेश में अनुबंधित निजी अस्पताल- 518
प्रदेश में अनुबंधित सरकारी अस्पताल – 475
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